गरीब परिवार पहुंचा कलेक्टर ऑफिस - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us बुरहानपुर के लोनी गांव में एक गरीब परिवार अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ करीब एक महीने से अंधेरे में रह रहा है। इस परिवार को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अंधेरा रहने के कारण बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। साथ ही साथ मच्छरों के आतंक से परिवार बीमारी से ग्रसित भी हो रहा है। परिवार के कई बार विद्युत कार्यालय में जाने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई। परेशान होकर पीड़ित परिवार मंगलवार को जनसुनवाई में लालटेन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा और अफसरों से गुहार लगाई। मनमानी बिल आने के कारण गरीब समाधान सावड़े जो किसानों के पास खेत में मजदूरी करता है, जिससे उसके परिवार का गुजारा भी नहीं हो पाता है। ऐसे में हर महीने चार पांच हजार बिल भरने में असमर्थ होता है।  खास बात यह है कि घर में कुल आठ लोगों का परिवार कच्चे मकान के साथ अंधेरे में बिना लाइट के एक महीने से रह रहा है। इस महंगाई के जमाने में सिलेंडर 1200 रुपये, मोबाइल रिचार्ज 450 हर महीने से शुरुआत और टीवी का रिचार्ज 300 रुपये, इतनी महंगाई के जमाने में एक मजदूर चार बालिकाओं और एक विकलांग भाई का कैसे पालन-पोषण कर पाएगा। बच्चियां तो सरकारी स्कूल में जाती हैं, परंतु अंधेरा होने के कारण बहुत भयभीत होती हैं और इस अंधेरे में वह कैसे पढ़ पाएंगी। दत्तू मेढे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भीम आर्मी ने आरोप लगाते हुए बताया कि मनमानी बिल गरीबों से वसूल कर रहे हैं, यह अच्छी बात नहीं है। चुनाव आने पर यह जल्द से जल्द बिल भरवा लेते हैं और लोगों का श्रेय लेने के लिए बिल माफ योजना चला देते हैं। यह सारी योजनाएं जनता समझ चुकी है। कुछ लाडली बहनें दफ्तरों के चक्कर काट-काट के थक चुकी हैं। फिर भी मामा ने सुनना बंद कर दिया है।

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गरीब परिवार पहुंचा कलेक्टर ऑफिस – फोटो : अमर उजाला

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बुरहानपुर के लोनी गांव में एक गरीब परिवार अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ करीब एक महीने से अंधेरे में रह रहा है। इस परिवार को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अंधेरा रहने के कारण बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हो रही है। साथ ही साथ मच्छरों के आतंक से परिवार बीमारी से ग्रसित भी हो रहा है। परिवार के कई बार विद्युत कार्यालय में जाने के बाद भी सुनवाई नहीं हुई।

परेशान होकर पीड़ित परिवार मंगलवार को जनसुनवाई में लालटेन लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा और अफसरों से गुहार लगाई। मनमानी बिल आने के कारण गरीब समाधान सावड़े जो किसानों के पास खेत में मजदूरी करता है, जिससे उसके परिवार का गुजारा भी नहीं हो पाता है। ऐसे में हर महीने चार पांच हजार बिल भरने में असमर्थ होता है। 

खास बात यह है कि घर में कुल आठ लोगों का परिवार कच्चे मकान के साथ अंधेरे में बिना लाइट के एक महीने से रह रहा है। इस महंगाई के जमाने में सिलेंडर 1200 रुपये, मोबाइल रिचार्ज 450 हर महीने से शुरुआत और टीवी का रिचार्ज 300 रुपये, इतनी महंगाई के जमाने में एक मजदूर चार बालिकाओं और एक विकलांग भाई का कैसे पालन-पोषण कर पाएगा। बच्चियां तो सरकारी स्कूल में जाती हैं, परंतु अंधेरा होने के कारण बहुत भयभीत होती हैं और इस अंधेरे में वह कैसे पढ़ पाएंगी।

दत्तू मेढे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भीम आर्मी ने आरोप लगाते हुए बताया कि मनमानी बिल गरीबों से वसूल कर रहे हैं, यह अच्छी बात नहीं है। चुनाव आने पर यह जल्द से जल्द बिल भरवा लेते हैं और लोगों का श्रेय लेने के लिए बिल माफ योजना चला देते हैं। यह सारी योजनाएं जनता समझ चुकी है। कुछ लाडली बहनें दफ्तरों के चक्कर काट-काट के थक चुकी हैं। फिर भी मामा ने सुनना बंद कर दिया है।

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