सावधान:-ठगी-का-नया-पैंतरा-डिजिटल-अरेस्टिंग,-प्रदेश-में-आधा-दर्जन-वारदात,-पांच-करोड़-से-ज्यादा-ठगे
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Fri, 12 Jul 2024 07: 04 PM IST स्टेट सायबर सेल के पास करीब आधा दर्जन ऐसी भी शिकायतें आई हैं, जिनमें जालसाजों द्वारा किसी बड़े आपराधिक गिरोह में शामिल होने, ड्रग स्मगलिंग, देश विरोधी गतिविधियों या अन्य आरोपों में शामिल होने की धौंस देकर उससे बचाने के नाम पर लाखों की ठग की गई है। साइबर क्राइम - फोटो : एएनआई विस्तार Follow Us सावधान, अगर आपको कोई भी व्यक्ति किसी पुलिस अधिकारी, जांच एजेंसी या सुरक्षा एजेंसियों के नाम पर धौंस देकर डिजिटल अरेस्टिंग की कोशिश करता है, तो सतर्क हो जाइये। हो सकता है कि वह जालसाज हो और वह ठगी करने के लिए आपको कसूरवार बताकर डिजिटल अरेस्टिंग कर आपसे ठगी करना चाहता हो। हां, हम सही कह रहे हैं, मध्य प्रदेश में सायबर जालसाजों द्वारा ठगी का नया पैंतरा अपनाया जा रहा है। देशभर के साथ मध्य प्रदेश में भी डिजिटल अरेस्टिंग के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। इस सप्ताह में भोपाल और विदिशा में अलग-अलग मामले सामने आए हैं। इस वर्ष जनवरी से 12 जुलाई तक मध्य प्रदेश स्टेट साइबर सेल ने डिजिटल अरेस्टिंग के करीब आधा दर्जन मामले दर्ज किए हैं। इसमें जालसाजों ने गिरफ्तारी का भय दिखाकर या डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर फरियादी को उसी के परिसर में बंद कर करीब पांच करोड़ से अधिक की ठगी को अंजाम दिया। ये वे मामले हैं, जो स्टेट सायबर सेल में दर्ज किए गए हैं। स्टेट सायबर सेल के पास करीब आधा दर्जन ऐसी भी शिकायतें आई हैं, जिनमें जालसाजों द्वारा किसी बड़े आपराधिक गिरोह में शामिल होने, ड्रग स्मगलिंग, देश विरोधी गतिविधियों या अन्य आरोपों में शामिल होने की धौंस देकर उससे बचाने के नाम पर लाखों की ठग की गई है। जालसाज इतने शातिर हैं कि फरियादी को उसी के घर में कैद कर अपने बताए बैंक खातों में राशि ऑनलाइन ट्रांसफर करा रहे हैं। पहले प्रलोभन, अब डर दिखाकर ठगी जालसाजों द्वारा ठगी करने के तरीके हर छह महीने में बदलते जा रहे हैं। पहले बीमा, लॉटरी या लकी ड्रॉ के नाम पर ठगी करते थे। इसके बाद सॉफ्टवेयर का उपयोग कर लड़की की आवाज में बात कर दोस्ती के नाम पर चैट कर वीडियो कॉलिंग करके सेक्सटॉर्शन में फंसाने की धमकी देकर रुपये ठेंए रहे थे। इसके बाद सोशल मीडिया से आपके किसी रिश्तेदार या परिचित की आवाज से मैच करती आवाज में बहुत मुसीबत, बीमारी या एक्सीडेंट के नाम पर पैसे ऑनलाइन ठगते रहे हैं। लेकिन जालसालों ने 2024 में भारत में डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर ठगी का नया तरीका अपनाया है। देशभर के साथ मध्य प्रदेश में भी हर महीने किसी न किसी व्यक्ति को जालसाज अपना शिकार बनाते जा रहे हैं। केस-1, बेनामी संपत्ति और कबूतर बाजी के नाम पर 1.30 करोड़ ऐंठे बीते 24 जून को विदेश के बड़े शैक्षणिक संस्थान से लेक्चरर पद से सेवानिवृत्त भोपाल निवासी 66 वर्षीय बुजुर्ग को एक वीडियो कॉल आया। जालसाज ने वीडियो कॉल में खुद को कस्टम ऑफिसर बताते हुए कहा कि आपके आधार कार्ड के जरिए एक पार्सल कंबोडिया जा रहा है, जिसमें 16 पासपोर्ट 58 एटीएम कार्ड, 10 सिमकार्ड, लैपटॉप और कपड़े रखे हैं। आप कबूतरबाजी में लिप्त हैं और आपकी बेनामी संपत्ति है। इसके बाद एक अन्य वीडियो कॉल आया, इसमें जालसाज ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताकर शिकायत दर्ज होने का झांसा दिया। जालसाज ने हवाला और ब्लैकमेलिंग के जरिए मोटी रकम खाते में आने का कहकर उन्हें डराया। इसके बाद सात दिन तक उन्हें इसी तरह के वीडियो कॉल आते रहे और जालसाजों ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर तीन एफडी तुड़वाकर 1.30 करोड़ ऐंठ लिए। यह कार्रवाई हुई- मप्र स्टेट साइबर सेल ने इस मामले में नई भारतीय न्याय संहिता के तहत अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। डिजिटल अरेस्टिंग के मामले में भारतीय न्याय संहिता के तहत प्रदेश में यह पहला मामला दर्ज किया गया है।    केस-2, कंपनी सेक्रेटरी को तीन दिन हाउस अरेस्ट कर सात लाख ऐंठे इंदौर में रहने वाली एक कंपनी सेक्रेटरी युवती ने 7 जुलाई को इंदौर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में युवती को जालसाजों ने तीन दिन तक डिजिटल हाउस अरेस्ट करके रखा था। युवती को वीडियो कॉल करने वाले ने खुद को कस्टम ऑफिसर बताते हुए युवती के पार्सल में ड्रग्स पकड़े जाने  का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की धमकी दी। जालसाज ने खुद को प्रवर्तन अधिकारी बताते हुए युवती को अपने घर में ही रहने के लिए मजबूर किया और सात लाख रुपये ऑनलाइन बैंक खाते में ट्रांसफर करवा लिए।  यह कार्रवाई हुई- इंदौर साइबर पुलिस समय रहते शिकायत मिलने पर ऑनलाइन ट्रांसफर की गई कुछ राशि को होल्ड कराने में सफल हुई। इस मामले में पहले इंदौर पुलिस, फिर साइबर पुलिस पड़ताल कर रही है    केस-3, डॉक्टर दंपती को 53 घंटे अरेस्ट रखकर 9 लाख ऐंठे अप्रैल 2024 में इंदौर निवासी एक डॉक्टर दंपती को अलग-अलग समय पर वीडियो कॉल कर जालसाजों ने कस्टम, सीबीआई, आरबीआई के अधिकारी बनकर करीब 53 घंटे तक डिजिटल हाउस अरेस्ट रखा और 9 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए। जालसाजों ने डॉक्टर दंपती और उनके बच्चों के अंतरराष्ट्रीय संगठित गिरोह से जुड़े होने के नाम पर इतना धमकाया कि उन्होंने नौ लाख रुपये जालसाजों को ऑनलाइन दे दिए। इंदौर पुलिस ने 10 अप्रैल को अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है।  यह कार्रवाई हुई- इंदौर क्राइम ब्रांच मामले में प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई कर रही है।    केस 4, गिफ्ट में ड्रग्स होने का झांसा देकर  डिजिटल अरेस्टिंग गत दिनों विदिशा निवासी एक युवक को वीडियो कॉल आया और कहा गया कि आपने कोई गिफ्ट मंगाया था, जो रिसीव नहीं हुआ है। आपने जो गिफ्ट मंगाया था, उसमें ड्रग्स था। अब भेजने वाले से कोई संपर्क नहीं हो रहा है, ऐसे में ड्रग्स के जिम्मेदार आप ही हैं। आपने कहां से ड्रग्स मंगवाया, बताएं। ऐसा नहीं करने पर आप हाउस अरेस्ट हैं। कुछ इसी तरह की धमकी देकर जालसाजों ने फरियादी से आरटीजीएस के जरिए 15 लाख 14 हजार की राशि बैंक खाते में ट्रांसफर कराई है। फरियादी को जालसाजों ने अलग-अलग मोबाइल नंबर से कई घंटे तक वीडियो कॉल पर ही लेकर डराते रहे। यह कार्रवाई हुई- विदिशा पुलिस को 11 जुलाई को मामले की शिकायत मिली है। पुलिस इस मामले में फरियादी से पूछताछ करने के साथ बैंक से ट्रांजेक्शन की जानकारी मांगी है। मामला स्पष्ट होते ही इस शिकायत को साइबर सेल को सौंपा जाएगा।   केस-5 आपकी बेटी ड्रग तस्कर, डिजिटल अरेस्टिंग का प्रयास बीते जून माह के पहले सप्ताह में जबलपुर निवासी एक वरिष्ठ चिकित्सक को एक वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए कहा कि आपकी बेटी को मुंबई में ड्रग्स तस्करी में अरेस्ट किया गया है। वरिष्ठ चिकित्सक ऑपरेशन कर रहे थे, इस कारण फोन काट दिया। इसके बाद दोबारा कॉल आया और कहा कि आप कुछ करिए नहीं तो आपकी बेटी का करियर बर्बाद हो जाएगा। इसके बाद उन्होंने सहयोगी से बेटी से बात करने को कहा। मुंबई से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाली वरिष्ठ चिकित्सक की बेटी की जब उनके सहयोगी से बात हो गई, तब स्पष्ट हुआ कि जालसाज का फोन था। इसके बाद भी जालसाज अलग-अलग नंबरों ने डॉक्टर को फोन कर डिजिटल अरेस्ट कर लाखों की मांग करने लगे, हालांकि, अपनी समझदारी से चिकित्सक ठगी का शिकार होने से बच गए।   इंदौर में अब तक चार प्रकरण सामने आए इंदौर में कंपनी सेक्रेटरी के साथ डिजिटल अरेस्टिंग पहला मामला नहीं है। शहर में इससे पहले दो और लोगों के साथ इस तरह की घटनाएं कर चुके हैं। साइबर जालसाज एक एमबीबीएस छात्र और एक एमएनसी के मैनेजर को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों की ठगी कर चुके हैं। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Fri, 12 Jul 2024 07: 04 PM IST

स्टेट सायबर सेल के पास करीब आधा दर्जन ऐसी भी शिकायतें आई हैं, जिनमें जालसाजों द्वारा किसी बड़े आपराधिक गिरोह में शामिल होने, ड्रग स्मगलिंग, देश विरोधी गतिविधियों या अन्य आरोपों में शामिल होने की धौंस देकर उससे बचाने के नाम पर लाखों की ठग की गई है। साइबर क्राइम – फोटो : एएनआई

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सावधान, अगर आपको कोई भी व्यक्ति किसी पुलिस अधिकारी, जांच एजेंसी या सुरक्षा एजेंसियों के नाम पर धौंस देकर डिजिटल अरेस्टिंग की कोशिश करता है, तो सतर्क हो जाइये। हो सकता है कि वह जालसाज हो और वह ठगी करने के लिए आपको कसूरवार बताकर डिजिटल अरेस्टिंग कर आपसे ठगी करना चाहता हो। हां, हम सही कह रहे हैं, मध्य प्रदेश में सायबर जालसाजों द्वारा ठगी का नया पैंतरा अपनाया जा रहा है। देशभर के साथ मध्य प्रदेश में भी डिजिटल अरेस्टिंग के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। इस सप्ताह में भोपाल और विदिशा में अलग-अलग मामले सामने आए हैं। इस वर्ष जनवरी से 12 जुलाई तक मध्य प्रदेश स्टेट साइबर सेल ने डिजिटल अरेस्टिंग के करीब आधा दर्जन मामले दर्ज किए हैं। इसमें जालसाजों ने गिरफ्तारी का भय दिखाकर या डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर फरियादी को उसी के परिसर में बंद कर करीब पांच करोड़ से अधिक की ठगी को अंजाम दिया। ये वे मामले हैं, जो स्टेट सायबर सेल में दर्ज किए गए हैं।

स्टेट सायबर सेल के पास करीब आधा दर्जन ऐसी भी शिकायतें आई हैं, जिनमें जालसाजों द्वारा किसी बड़े आपराधिक गिरोह में शामिल होने, ड्रग स्मगलिंग, देश विरोधी गतिविधियों या अन्य आरोपों में शामिल होने की धौंस देकर उससे बचाने के नाम पर लाखों की ठग की गई है। जालसाज इतने शातिर हैं कि फरियादी को उसी के घर में कैद कर अपने बताए बैंक खातों में राशि ऑनलाइन ट्रांसफर करा रहे हैं।

पहले प्रलोभन, अब डर दिखाकर ठगी जालसाजों द्वारा ठगी करने के तरीके हर छह महीने में बदलते जा रहे हैं। पहले बीमा, लॉटरी या लकी ड्रॉ के नाम पर ठगी करते थे। इसके बाद सॉफ्टवेयर का उपयोग कर लड़की की आवाज में बात कर दोस्ती के नाम पर चैट कर वीडियो कॉलिंग करके सेक्सटॉर्शन में फंसाने की धमकी देकर रुपये ठेंए रहे थे। इसके बाद सोशल मीडिया से आपके किसी रिश्तेदार या परिचित की आवाज से मैच करती आवाज में बहुत मुसीबत, बीमारी या एक्सीडेंट के नाम पर पैसे ऑनलाइन ठगते रहे हैं। लेकिन जालसालों ने 2024 में भारत में डिजिटल अरेस्टिंग के नाम पर ठगी का नया तरीका अपनाया है। देशभर के साथ मध्य प्रदेश में भी हर महीने किसी न किसी व्यक्ति को जालसाज अपना शिकार बनाते जा रहे हैं।

केस-1, बेनामी संपत्ति और कबूतर बाजी के नाम पर 1.30 करोड़ ऐंठे
बीते 24 जून को विदेश के बड़े शैक्षणिक संस्थान से लेक्चरर पद से सेवानिवृत्त भोपाल निवासी 66 वर्षीय बुजुर्ग को एक वीडियो कॉल आया। जालसाज ने वीडियो कॉल में खुद को कस्टम ऑफिसर बताते हुए कहा कि आपके आधार कार्ड के जरिए एक पार्सल कंबोडिया जा रहा है, जिसमें 16 पासपोर्ट 58 एटीएम कार्ड, 10 सिमकार्ड, लैपटॉप और कपड़े रखे हैं। आप कबूतरबाजी में लिप्त हैं और आपकी बेनामी संपत्ति है। इसके बाद एक अन्य वीडियो कॉल आया, इसमें जालसाज ने खुद को सीबीआई का अधिकारी बताकर शिकायत दर्ज होने का झांसा दिया। जालसाज ने हवाला और ब्लैकमेलिंग के जरिए मोटी रकम खाते में आने का कहकर उन्हें डराया। इसके बाद सात दिन तक उन्हें इसी तरह के वीडियो कॉल आते रहे और जालसाजों ने उन्हें डिजिटल अरेस्ट कर तीन एफडी तुड़वाकर 1.30 करोड़ ऐंठ लिए। यह कार्रवाई हुई- मप्र स्टेट साइबर सेल ने इस मामले में नई भारतीय न्याय संहिता के तहत अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। डिजिटल अरेस्टिंग के मामले में भारतीय न्याय संहिता के तहत प्रदेश में यह पहला मामला दर्ज किया गया है। 

 
केस-2, कंपनी सेक्रेटरी को तीन दिन हाउस अरेस्ट कर सात लाख ऐंठे
इंदौर में रहने वाली एक कंपनी सेक्रेटरी युवती ने 7 जुलाई को इंदौर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में युवती को जालसाजों ने तीन दिन तक डिजिटल हाउस अरेस्ट करके रखा था। युवती को वीडियो कॉल करने वाले ने खुद को कस्टम ऑफिसर बताते हुए युवती के पार्सल में ड्रग्स पकड़े जाने  का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की धमकी दी। जालसाज ने खुद को प्रवर्तन अधिकारी बताते हुए युवती को अपने घर में ही रहने के लिए मजबूर किया और सात लाख रुपये ऑनलाइन बैंक खाते में ट्रांसफर करवा लिए। 
यह कार्रवाई हुई- इंदौर साइबर पुलिस समय रहते शिकायत मिलने पर ऑनलाइन ट्रांसफर की गई कुछ राशि को होल्ड कराने में सफल हुई। इस मामले में पहले इंदौर पुलिस, फिर साइबर पुलिस पड़ताल कर रही है 
 
केस-3, डॉक्टर दंपती को 53 घंटे अरेस्ट रखकर 9 लाख ऐंठे
अप्रैल 2024 में इंदौर निवासी एक डॉक्टर दंपती को अलग-अलग समय पर वीडियो कॉल कर जालसाजों ने कस्टम, सीबीआई, आरबीआई के अधिकारी बनकर करीब 53 घंटे तक डिजिटल हाउस अरेस्ट रखा और 9 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर करवा लिए। जालसाजों ने डॉक्टर दंपती और उनके बच्चों के अंतरराष्ट्रीय संगठित गिरोह से जुड़े होने के नाम पर इतना धमकाया कि उन्होंने नौ लाख रुपये जालसाजों को ऑनलाइन दे दिए। इंदौर पुलिस ने 10 अप्रैल को अज्ञात के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया है। 
यह कार्रवाई हुई- इंदौर क्राइम ब्रांच मामले में प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई कर रही है। 
 
केस 4, गिफ्ट में ड्रग्स होने का झांसा देकर  डिजिटल अरेस्टिंग
गत दिनों विदिशा निवासी एक युवक को वीडियो कॉल आया और कहा गया कि आपने कोई गिफ्ट मंगाया था, जो रिसीव नहीं हुआ है। आपने जो गिफ्ट मंगाया था, उसमें ड्रग्स था। अब भेजने वाले से कोई संपर्क नहीं हो रहा है, ऐसे में ड्रग्स के जिम्मेदार आप ही हैं। आपने कहां से ड्रग्स मंगवाया, बताएं। ऐसा नहीं करने पर आप हाउस अरेस्ट हैं। कुछ इसी तरह की धमकी देकर जालसाजों ने फरियादी से आरटीजीएस के जरिए 15 लाख 14 हजार की राशि बैंक खाते में ट्रांसफर कराई है। फरियादी को जालसाजों ने अलग-अलग मोबाइल नंबर से कई घंटे तक वीडियो कॉल पर ही लेकर डराते रहे।
यह कार्रवाई हुई- विदिशा पुलिस को 11 जुलाई को मामले की शिकायत मिली है। पुलिस इस मामले में फरियादी से पूछताछ करने के साथ बैंक से ट्रांजेक्शन की जानकारी मांगी है। मामला स्पष्ट होते ही इस शिकायत को साइबर सेल को सौंपा जाएगा।
 
केस-5 आपकी बेटी ड्रग तस्कर, डिजिटल अरेस्टिंग का प्रयास
बीते जून माह के पहले सप्ताह में जबलपुर निवासी एक वरिष्ठ चिकित्सक को एक वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते हुए कहा कि आपकी बेटी को मुंबई में ड्रग्स तस्करी में अरेस्ट किया गया है। वरिष्ठ चिकित्सक ऑपरेशन कर रहे थे, इस कारण फोन काट दिया। इसके बाद दोबारा कॉल आया और कहा कि आप कुछ करिए नहीं तो आपकी बेटी का करियर बर्बाद हो जाएगा। इसके बाद उन्होंने सहयोगी से बेटी से बात करने को कहा। मुंबई से एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाली वरिष्ठ चिकित्सक की बेटी की जब उनके सहयोगी से बात हो गई, तब स्पष्ट हुआ कि जालसाज का फोन था। इसके बाद भी जालसाज अलग-अलग नंबरों ने डॉक्टर को फोन कर डिजिटल अरेस्ट कर लाखों की मांग करने लगे, हालांकि, अपनी समझदारी से चिकित्सक ठगी का शिकार होने से बच गए।
 
इंदौर में अब तक चार प्रकरण सामने आए
इंदौर में कंपनी सेक्रेटरी के साथ डिजिटल अरेस्टिंग पहला मामला नहीं है। शहर में इससे पहले दो और लोगों के साथ इस तरह की घटनाएं कर चुके हैं। साइबर जालसाज एक एमबीबीएस छात्र और एक एमएनसी के मैनेजर को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों की ठगी कर चुके हैं।

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