हादसे के बाद मौके पर पहुंचे मंत्री-नेतागढ़। – फोटो : अमर उजाला
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सागर जिले के शाहपुर में रविवार सुबह मिट्टी के शिवलिंग बनने के आयोजन स्थल पर गिरी दीवार में दबकर 9 बच्चों की मौत के बाद प्रशासन ने नगर परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी धनंजय गुमास्ता तथा उपयंत्री वीर सिंह को निलंबित कर दिया है। वहीं घटना के बाद से लोगों में भी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर आक्रोश है। उनका कहना है कि अगर अस्पताल में पर्याप्त स्वास्थ्य अमला होता तो कुछ बच्चों को बचाया जा सकता था। हादसे के बाद प्रदेश के मुखिया डॉक्टर मोहन यादव ने शोक संतृप्त परिवारों को चार-चार लाख रुपये की घोषणा की है।
इस खौफनाक हादसे के बाद प्रत्यक्षदर्शी अभी भी आक्रोशित हैं। आक्रोश इस बात को लेकर है कि हादसे में घायल बच्चों को पहले शाहपुर में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए, जहां सिर्फ दो नर्स मौजूद थीं। कारण बताया गया है कि आज रविवार होने के कारण यहां पदस्थ डॉक्टर नहीं हैं। वह इस हादसे के बाद जब तक पहुंचे बच्चों को सागर ले जाया जा चुका था।
जिले के ग्रामीण अंचल में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति बदतर है। बताया जा रहा है शाहपुर कस्बा जो नगर परिषद है इस कस्बे की आबादी 20 हजार के ऊपर है। साथ ही यहां आसपास दर्जन गांव हैं, जो प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा के लिए इसी स्वास्थ्य केंद्र पर आश्रित रहते हैं। यहां मात्र एक डॉक्टर और दो नर्स पदस्थ हैं।
हादसे के वक्त स्वास्थ्य केंद्र में सिर्फ दो नर्स ही थीं। हादसे के बाद इस प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में घायलों को प्राथमिक उपचार नहीं मिल पाया। जब तक घायल बच्चों को लेने कस्बे में सागर से एंबुलेंस पहुंची तब तक देर हो चुकी थी।
गौरतलब हो कि बुंदेलखंड अंचल के बड़े गांवों तथा कस्बों में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तो बने हैं, लेकिन उनमें पर्याप्त स्वास्थ्य अमला पदस्थ नहीं होने से ऐसे गंभीर मामलों में पीड़ित को जिले की तरफ भागना पड़ता है। जहां हादसा हुआ उस स्थान की प्रशासन ने सफाई करवा दी है। जिस मकान की दीवार गिरी थी, उसके जर्जर हिस्से को बुलडोजर से ढहा दिया गया है। कस्बे में घटना के बाद प्रशासनिक नुमाइंदों के पहुंचने का सिलसिला जारी है। सागर से कांग्रेस जिला अध्यक्ष सहित प्रदेश सरकार के मंत्री ने घटनास्थल का दौरा कर शोक संतृप्त परिवारजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधवाने का प्रयास किया।
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