विश्व-आदिवासी-दिवस:-क्या-होता-है-देवगुड़-?-जानें-छत्तीसगढ़-के-बस्तर-के-आदिवासियों-के-त्योहार-के-बारे-में
देवगुड़ बन जाने से गांव वाले तो खुश हैं ही साथ में इसको देखने लोग दूर-दूर से आ रहे हैं. पहले देवगुड़ पूजा स्थल जर्जर अवस्था में था, जिला प्रशासन की तरफ से देवगुड़ का निर्माण कार्य कराने से अब इसका कायाकल्प होता जा रहा है. यहां पर गांव वालों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है. पूजा स्थली में चित्रकला की जा रही है ,जिससे ये और भी सुंदर नजर आये. देवगुड़ के माध्यम से दूर दराज से पहुंचने वाले पर्यटक आदिवासियों की विभिन्न संस्कृति, सभ्यता, खान-पान, रहन-सहन, आभूषण और बोली-भाषा से परिचित हो सकेंगे.

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देवगुड़ बन जाने से गांव वाले तो खुश हैं ही साथ में इसको देखने लोग दूर-दूर से आ रहे हैं. पहले देवगुड़ पूजा स्थल जर्जर अवस्था में था, जिला प्रशासन की तरफ से देवगुड़ का निर्माण कार्य कराने से अब इसका कायाकल्प होता जा रहा है. यहां पर गांव वालों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है. पूजा स्थली में चित्रकला की जा रही है ,जिससे ये और भी सुंदर नजर आये. देवगुड़ के माध्यम से दूर दराज से पहुंचने वाले पर्यटक आदिवासियों की विभिन्न संस्कृति, सभ्यता, खान-पान, रहन-सहन, आभूषण और बोली-भाषा से परिचित हो सकेंगे.