अमर उजाला
Thu, 12 September 2024
केंद्र सरकार जल्द ही अपने तीन साल पुराने वाहन स्क्रैपिंग नीति में बदलाव कर सकती है और 15 साल से ज्यादा पुराने वाहनों को राहत दे सकती है
सरकारी अधिकारियों के अनुसार, फिटनेस टेस्ट केंद्रों द्वारा अनुपयुक्त पाए जाने पर ऐसे वाहनों को स्क्रैप करने का अनिवार्य नियम संशोधित किया जा सकता है
केंद्र सरकार अब वाहन को स्क्रैप करने से पहले उसकी उम्र के बजाय प्रदूषण स्तर (पॉल्यूशन लेवल) पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करने का लक्ष्य रखती है
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) वाहन स्क्रैपिंग नियम में यह बदलाव करने के लिए वाहनों की प्रदूषण जांच को विश्वसनीय बनाने की योजना बना रहा है
मौजूदा नीति के तहत, 20 साल से ज्यादा पुराने निजी वाहनों और 15 साल से अधिक पुराने वाणिज्यिक वाहनों को अधिकृत फिटनेस केंद्रों पर अनिवार्य फिटनेस परीक्षण से गुजरना होगा
अगर परीक्षण के नतीजे नकारात्मक हैं, तो वाहनों को स्क्रैपयार्ड में भेजना होगा
यह कदम वाहन मालिकों की प्रतिक्रिया के बाद उठाया गया है। उन्होंने कहा कि नियम को निश्चित उम्र तक पहुंचने वाले वाहनों की तुलना में प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए
इसे संभव बनाने के लिए वाहनों की प्रदूषण जांच भी सख्त होने की जरूरत है
नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा कि वाहन स्क्रैपिंग प्रणाली के जरिए ऑटो उद्योग को बिक्री में 18 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी से लाभ हो सकता है
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