न्यूज डेस्क, अमर उजाला, रायसेन Published by: शबाहत हुसैन Updated Sun, 16 Jun 2024 10: 55 PM IST
MP: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने मीडिया को बताया सोम डिस्टलरी शराब फैक्ट्री से 60 बच्चे रेस्क्यू किए गए थे, जिसके बारें में जिला प्रशासन को अवगत कराया गया था। उसी समय यहां के पुलिस अधिकारियों को आवेदन दिया गया था, जिसमें लिखा था बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए, एसडीएम के समक्ष बयान कराए जाएं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया। रायसेन शराब फैक्टरी मामला – फोटो : अमर उजाला
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सीएम मोहन यादव के संज्ञान लेने के बाद फैक्ट्ररी में बालश्रम के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। रात में प्रभारी जिला अधिकारी कन्हैयालाल अतुलकर और 3 आबकारी उप निरीक्षक प्रीति शैलेंद्र उइके, सेफली वर्मा और मुकेश कुमार को निलंबित किया था। वहीं रविवार को प्रशासन ने एक और बड़ा एक्शन लेते हुए श्रम निरीक्षक मंडीदीप रामकुमार श्रीवास्तव को निलंबित कर दिया गया है। निलंबन की कार्रवाई कर श्रमायुक्त ने आदेश जारी किया गया।
शनिवार की दोपहर को रायसेन में एनसीपीसीआर ने सोम शराब बनाने वाली कंपनी पर कार्रवाई की थी, जिसमें शराब बनाते हुए 60 नाबालिग बच्चे मिले थे। तत्काल कार्रवाई करते हुए आयोग के अध्यक्ष भोपाल चले गए थे। जब शाम तक पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया और बच्चे गायब होने की जानकारी लगी तो वह उमरावगंज थाने पहुंचे और जब तक कार्रवाई करवाने के लिए वहीं बैठे रहे। आयोग अध्यक्ष ने जिला प्रशासन पर कार्रवाई नहीं करने और फैक्टरी एवं मौजूदा प्रशासन पर बच्चे को भगाने के गंभीर आरोप लगाए हैं। 39 नाबालिग़ बच्चों को गायब करने के आरोप लगाए जा रहें है। वहीं अध्यक्ष का कहना है कि जिला प्रशासन इस बड़े माफिया की चापलूसी कर रहा है इसलिए कार्रवाई नहीं की जा रही है।
इधर, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग अध्यक्ष ने मीडिया को बताया सोम डिस्टलरी शराब फैक्टर से 60 बच्चे रेस्क्यू किए गए थे, जिसके बारें में जिला प्रशासन को अवगत कराया गया था। उसी समय यहां के पुलिस अधिकारियों को आवेदन दिया गया था, जिसमें लिखा था बच्चों को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाए, एसडीएम के समक्ष बयान कराए जाएं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं किया गया। बता दें कि रायसेन शराब फैक्टरी में काम करने वाले बाल मजदूर जिनमें लड़के लड़कियां शामिल हैं के घर नहीं पहुंचने पर परिजन फैक्टरी पहुंचे और यहां पर उन्होंने हंगामा किया। जिसके बाद प्रियंक कानूनगो थाने में कार्रवाई के लिए पहुंचे। संभाग के अधिकारियों को जानकारी लगते ही फैक्टरी पहुंचे पर परिजनों को समझाइश दी कार्रवाई के बाद बच्चों को शोपा जाएगा।
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