ये-कहानी-फिल्मी-है: बाढ़-में-फंसी-महिला-चीख-रही-थी,-डॉक्टर-से-दाई-ने-फोन-पर-निर्देश-लिए-और-कराई-डिलीवरी
सिवनी में दाई ने कराया सुरक्षित प्रसव। - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us यह कहानी थोड़ी-सी फिल्मी है। घनघोर बारिश हो रही थी। चारों तरफ बाढ़ ही बाढ़ थी। नाले ने रास्ता रोक रहा था। इस दौरान एक महिला को प्रसव पीड़ा उठी। दाई को बुला लिया गया। लेकिन वह भी असहाय... महिला के पेट में जुड़वां बच्चे थे। प्रसव आसान नहीं था। तब कोई और रास्ता नहीं बचा तो दाई ने जिला अस्पताल की डॉक्टर से फोन पर निर्देश लिए और सुरक्षित प्रसव कराया। बाढ़ का पानी उतरने के बाद महिला को जुड़वां बच्चों के साथ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।   Trending Videos सिवनी जिले के जोराबाड़ी गांव पहुंची डॉक्टरों की टीम।  मामला मध्य प्रदेश के सिवनी जिले का है। डॉ. मनीषा सिरसाम ने यहां थ्री इडियट्स फिल्म की डॉक्टर प्रिया का किरदार निभाया। फिल्म में डॉक्टर प्रिया (करीना कपूर) फोन पर ही निर्देश देकर रैंचो (आमिर खान) को निर्देश देती है और प्रसव सफल होता है। यहां डॉ. मनीषा सिरसाम ने दाई रेशना बंसकार को फोन पर निर्देश दिए और सुरक्षित प्रसव कराया। दरअसल, सिवनी जिले में मूसलाधार बारिश से कई गांवों में मंगलवार को बाढ़ आई हुई थी। गांवों का शहर से संपर्क टूट गया था। सिवनी तहसील में जोराबाड़ी गांव है, जहां मंगलवार को तेज बारिश के बीच बंशीलाल उइके की पत्नी रवीना को प्रसव पीड़ा उठी। वह दर्द से चीख रही थी। गांव में रहने वाली दाई रेशना बंसकार को सूचना दी गई। वह बंशीलाल के घर पहुंचीं। दरअसल, पहले की जांच से पता था कि रवीना के गर्भ में जुड़वां बच्चे पल रहे हैं। ऐसे में प्रसव आसान नहीं था। उसे सिवनी जिला अस्पताल लेकर जाना जरूरी हो गया था। तेज बारिश की वजह से गांव का संपर्क टूट गया था। रास्ते बंद थे। तब गांव की आशा कार्यकर्ता से संपर्क किया गया। वह भी जिला अस्पताल किसी दूसरी महिला के प्रसव के लिए गई थी।    नवजात शिशु, जिन्हें बाद में जिला अस्पताल में शिफ्ट किया गया।  कलेक्टर ने टीम भेजने के निर्देश दिए  मामला कलेक्टर संस्कृति जैन तक भी पहुंचा था। उन्होंने अधिकारियों से एक टीम गांव भेजने को कहा। हालांकि, तेज बारिश की वजह से संपर्क टूटा हुआ था। संभव नहीं था। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीषा सिरसाम ने तब मोर्चा संभाला। वह कविता वाहने, नर्स सुनीता यादव और आशा कार्यकर्ता कामता मरावी के साथ गांव के लिए रवाना हुई। बाढ़ से निपटने के लिए एसडीईआरएफ की टीम भी साथ गई थी।  नाले में तेज पानी की वजह से थम गई एंबुलेंस इतनी कोशिश के बाद भी एंबुलेंस गांव में नहीं जा सकी। रास्ते में नाला उफान पर था। रवीना प्रसव पीड़ा में चीख रही थी। तब मनीषा ने बंशीलाल से बात की। दाई को फोन पर ही निर्देश दिए और प्रसव कराना शुरू किया। जैसे-जैसे डॉ. मनीषा ने बताया, वैसा रेशना करती गईं। करीब आधा घंटा इसी प्रक्रिया में निकल गया और रवीना के घर किलकारी गूंजी। उसने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। डॉक्टरों की टीम नाले के पास रुकी हुई थी। बाढ़ का पानी उतरा तो डॉक्टर गांव पहुंचे और जच्चा-बच्चा को एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले आए। मां एवं बच्चे स्वस्थ हैं।  

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सिवनी में दाई ने कराया सुरक्षित प्रसव। – फोटो : अमर उजाला

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यह कहानी थोड़ी-सी फिल्मी है। घनघोर बारिश हो रही थी। चारों तरफ बाढ़ ही बाढ़ थी। नाले ने रास्ता रोक रहा था। इस दौरान एक महिला को प्रसव पीड़ा उठी। दाई को बुला लिया गया। लेकिन वह भी असहाय… महिला के पेट में जुड़वां बच्चे थे। प्रसव आसान नहीं था। तब कोई और रास्ता नहीं बचा तो दाई ने जिला अस्पताल की डॉक्टर से फोन पर निर्देश लिए और सुरक्षित प्रसव कराया। बाढ़ का पानी उतरने के बाद महिला को जुड़वां बच्चों के साथ जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।  

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सिवनी जिले के जोराबाड़ी गांव पहुंची डॉक्टरों की टीम। 

मामला मध्य प्रदेश के सिवनी जिले का है। डॉ. मनीषा सिरसाम ने यहां थ्री इडियट्स फिल्म की डॉक्टर प्रिया का किरदार निभाया। फिल्म में डॉक्टर प्रिया (करीना कपूर) फोन पर ही निर्देश देकर रैंचो (आमिर खान) को निर्देश देती है और प्रसव सफल होता है। यहां डॉ. मनीषा सिरसाम ने दाई रेशना बंसकार को फोन पर निर्देश दिए और सुरक्षित प्रसव कराया। दरअसल, सिवनी जिले में मूसलाधार बारिश से कई गांवों में मंगलवार को बाढ़ आई हुई थी। गांवों का शहर से संपर्क टूट गया था। सिवनी तहसील में जोराबाड़ी गांव है, जहां मंगलवार को तेज बारिश के बीच बंशीलाल उइके की पत्नी रवीना को प्रसव पीड़ा उठी। वह दर्द से चीख रही थी। गांव में रहने वाली दाई रेशना बंसकार को सूचना दी गई। वह बंशीलाल के घर पहुंचीं। दरअसल, पहले की जांच से पता था कि रवीना के गर्भ में जुड़वां बच्चे पल रहे हैं। ऐसे में प्रसव आसान नहीं था। उसे सिवनी जिला अस्पताल लेकर जाना जरूरी हो गया था। तेज बारिश की वजह से गांव का संपर्क टूट गया था। रास्ते बंद थे। तब गांव की आशा कार्यकर्ता से संपर्क किया गया। वह भी जिला अस्पताल किसी दूसरी महिला के प्रसव के लिए गई थी।   

नवजात शिशु, जिन्हें बाद में जिला अस्पताल में शिफ्ट किया गया।  कलेक्टर ने टीम भेजने के निर्देश दिए 

मामला कलेक्टर संस्कृति जैन तक भी पहुंचा था। उन्होंने अधिकारियों से एक टीम गांव भेजने को कहा। हालांकि, तेज बारिश की वजह से संपर्क टूटा हुआ था। संभव नहीं था। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीषा सिरसाम ने तब मोर्चा संभाला। वह कविता वाहने, नर्स सुनीता यादव और आशा कार्यकर्ता कामता मरावी के साथ गांव के लिए रवाना हुई। बाढ़ से निपटने के लिए एसडीईआरएफ की टीम भी साथ गई थी। 

नाले में तेज पानी की वजह से थम गई एंबुलेंस
इतनी कोशिश के बाद भी एंबुलेंस गांव में नहीं जा सकी। रास्ते में नाला उफान पर था। रवीना प्रसव पीड़ा में चीख रही थी। तब मनीषा ने बंशीलाल से बात की। दाई को फोन पर ही निर्देश दिए और प्रसव कराना शुरू किया। जैसे-जैसे डॉ. मनीषा ने बताया, वैसा रेशना करती गईं। करीब आधा घंटा इसी प्रक्रिया में निकल गया और रवीना के घर किलकारी गूंजी। उसने जुड़वां बच्चों को जन्म दिया। डॉक्टरों की टीम नाले के पास रुकी हुई थी। बाढ़ का पानी उतरा तो डॉक्टर गांव पहुंचे और जच्चा-बच्चा को एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले आए। मां एवं बच्चे स्वस्थ हैं।  

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