मोदी-कैबिनेट-का-तोहफा,-विश्वकर्मा-योजना,-e-bus-सेवा-समेत-इन-योजनाओं-को-मंजूरी
Modi Cabinet Decision : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कई अहम चीजों की मंजूरी दे दी है. जी हां, कैबिनेट ने विश्वकर्मा योजना, पीएम ई-बस सेवा और डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और अश्विनी वैष्णव ने प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी. आइए अब जानते है की केंद्र सरकार के मंजूरी मिल जाने के बाद अब इन योजनाओं से तहत किन लोगों को लाभ होगा और केंद्र सरकार के इन योजनाओं की क्या रूपरेखा है, विस्तार से... विश्वकर्मा योजना क्या है ? केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को विश्वकर्मा योजना को मंजूरी प्रदान कर दी जिसके माध्यम से गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल कार्यों को बढ़ाने वाले कामगारों का कौशल विकास किया जायेगा तथा उन्हें ऋृण सुविधा एवं बाजार पहुंच प्रदान करने में मदद की जायेगी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. 13 हजार करोड़ रूपये की योजना यह योजना 13 हजार करोड़ रूपये की है और इससे 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को लाभ होगा. उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे कस्बों में अनेक वर्ग ऐसे हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल से जुड़े कार्यों में लगे हैं. इनमें लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूल का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि शामिल हैं. वैष्णव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इन वर्गों का महत्वपूर्ण स्थान है और इन्हें नया आयाम देते हुए मंत्रिमंडल ने ‘विश्वकर्मा योजना’ को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था संकेत उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से इस योजना का संकेत दिया था. केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि इसमें इस बात पर ध्यान दिया जायेगा कि इन वर्गों का किस तरह से अधिक कौशल विकास हो तथा नए प्रकार के उपकरणों एवं डिजाइन की जानकारी मिले. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत उपकरणों की खरीद में भी मदद की जायेगी. इसके तहत दो प्रकार का कौशल विकास कार्यक्रम होगा जिसमें पहला 'बेसिक' और दूसरा 'एडवांस' होगा. इस कोर्स को करने वालों को मानदेय (स्टाइपंड) भी मिलेगा. एक लाख रूपये का तक कर्ज दिया जायेगा मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना के तहत प्रथम चरण में एक लाख रूपये का तक कर्ज दिया जायेगा जिस पर रियायती ब्याज (अधिकतम पांच प्रतिशत) देय होगा. इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल से पीएम ई-बस सेवा को भी मंजूरी दे दी गई है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना के तहत 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी. नगरीय बस परिचालन को बढ़ाने के लिए यह योजना लाई गयी है. इन बसों का ट्रायल देश ले 100 शहरों में होगा. इस में उन शहरों को प्राथमिकता दी जायेगी जहां व्यवस्थित परिवहन सेवा की कमी है. यह राशि 10 वर्ष में खर्च की जायेगी. इसके लिए केंद्र सरकार 20 हजार करोड़ रूपये देगी और शेष राशि राज्यों को देनी होगी. देश में 3 लाख से 40 लाख की आबादी वाले 169 शहर हैं और इस कार्यक्रम के लिए इनमें से ‘चैलेंज मोड’ के आधार पर 100 शहरों का चयन किया जायेगा. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट ने भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. साथ ही डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को भी मंजूरी मिली है. इसके तहत आईटी से जुड़े लोगों को स्किल ट्रेनिंग मिलेगी. मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्र सरकार की कोशिश है कि तकनीक का दूर-दराज तक फायदा मिले. ऐसे में नेशनल सुपर कम्प्यूटिंग पर काम होगा और साइबर सिक्युरिटी के क्षेत्र में और काम होगा साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा. साथ ही AI के 3 सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स बनेंगे. Digital India‪Narendra Modi‬‬Published Date Wed, Aug 16, 2023, 4: 13 PM IST

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Modi Cabinet Decision : केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कई अहम चीजों की मंजूरी दे दी है. जी हां, कैबिनेट ने विश्वकर्मा योजना, पीएम ई-बस सेवा और डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और अश्विनी वैष्णव ने प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी. आइए अब जानते है की केंद्र सरकार के मंजूरी मिल जाने के बाद अब इन योजनाओं से तहत किन लोगों को लाभ होगा और केंद्र सरकार के इन योजनाओं की क्या रूपरेखा है, विस्तार से…

विश्वकर्मा योजना क्या है ?

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को विश्वकर्मा योजना को मंजूरी प्रदान कर दी जिसके माध्यम से गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल कार्यों को बढ़ाने वाले कामगारों का कौशल विकास किया जायेगा तथा उन्हें ऋृण सुविधा एवं बाजार पहुंच प्रदान करने में मदद की जायेगी. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई.

13 हजार करोड़ रूपये की योजना

यह योजना 13 हजार करोड़ रूपये की है और इससे 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को लाभ होगा. उन्होंने बताया कि छोटे-छोटे कस्बों में अनेक वर्ग ऐसे हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल से जुड़े कार्यों में लगे हैं. इनमें लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूल का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि शामिल हैं. वैष्णव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इन वर्गों का महत्वपूर्ण स्थान है और इन्हें नया आयाम देते हुए मंत्रिमंडल ने ‘विश्वकर्मा योजना’ को मंजूरी दी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया था संकेत

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से इस योजना का संकेत दिया था. केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि इसमें इस बात पर ध्यान दिया जायेगा कि इन वर्गों का किस तरह से अधिक कौशल विकास हो तथा नए प्रकार के उपकरणों एवं डिजाइन की जानकारी मिले. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत उपकरणों की खरीद में भी मदद की जायेगी. इसके तहत दो प्रकार का कौशल विकास कार्यक्रम होगा जिसमें पहला ‘बेसिक’ और दूसरा ‘एडवांस’ होगा. इस कोर्स को करने वालों को मानदेय (स्टाइपंड) भी मिलेगा.

एक लाख रूपये का तक कर्ज दिया जायेगा

मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना के तहत प्रथम चरण में एक लाख रूपये का तक कर्ज दिया जायेगा जिस पर रियायती ब्याज (अधिकतम पांच प्रतिशत) देय होगा. इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल से पीएम ई-बस सेवा को भी मंजूरी दे दी गई है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना के तहत 57,613 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि देश भर में लगभग 10,000 नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई जाएंगी. नगरीय बस परिचालन को बढ़ाने के लिए यह योजना लाई गयी है. इन बसों का ट्रायल देश ले 100 शहरों में होगा. इस में उन शहरों को प्राथमिकता दी जायेगी जहां व्यवस्थित परिवहन सेवा की कमी है. यह राशि 10 वर्ष में खर्च की जायेगी. इसके लिए केंद्र सरकार 20 हजार करोड़ रूपये देगी और शेष राशि राज्यों को देनी होगी. देश में 3 लाख से 40 लाख की आबादी वाले 169 शहर हैं और इस कार्यक्रम के लिए इनमें से ‘चैलेंज मोड’ के आधार पर 100 शहरों का चयन किया जायेगा.

डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को मंजूरी

इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट ने भारतीय रेलवे की सात मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है. साथ ही डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विस्तार को भी मंजूरी मिली है. इसके तहत आईटी से जुड़े लोगों को स्किल ट्रेनिंग मिलेगी. मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्र सरकार की कोशिश है कि तकनीक का दूर-दराज तक फायदा मिले. ऐसे में नेशनल सुपर कम्प्यूटिंग पर काम होगा और साइबर सिक्युरिटी के क्षेत्र में और काम होगा साथ ही जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा. साथ ही AI के 3 सेंटर ऑफ एक्सीलेन्स बनेंगे.

Digital India‪Narendra Modi‬‬Published Date

Wed, Aug 16, 2023, 4: 13 PM IST