मैपकास्ट भोपाल – फोटो : social media
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मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (मैपकास्ट) में अब नदी महोत्सव 2022 में भी वित्तीय अनियमिता और फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है। इसमें कार्यक्रम के लिए केंद्रीय जल आयोग से मिली राशि से करीब दोगुनी राशि खर्च कर दी गई। हद तो यह है कि कार्यक्रम के चार महीने के बाद टेंडर के फर्जी दस्तावेज बनाए गए। अब इस मामले में लोकायुक्त के बाद मुख्यमंत्री को शिकायत की गई है। शिकायतकर्ता ने मैपकास्ट में वित्तीय अनियमितता को सुनियोजित साजिश बताया है।
लोकायुक्त और मुख्यमंत्री कार्यालय को की गई शिकायत के अनुसार केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय ने 10 लाख रुपये की राशि मैपकास्ट को दी थी। इससे नदियों के संरक्षण और उनके बचाव को लेकर जागरूकता का कार्यक्रम करना था। इस कार्यक्रम के लिए मैपकास्ट ने 10 लाख की जगह 19 लाख 50 हजार रुपये की राशि खर्च कर दी। इसमें 9 लाख 50 हजार रुपये की राशि अपने विज्ञान के प्रचार प्रसार के बजट से प्राप्त राशि खर्च कर दी। आरोप है कि इसके लिए कोई विधिवत स्वीकृति नहीं ली गई। वहीं, इसके कोटेशन में भी गड़बड़ी का आरोप है। कार्यक्रम 18 से 19 मई 2022 को भोपाल मैपकास्ट मुख्यालय में आयोजित हुआ था। इसके कोटेशन चार माह बाद अक्टूबर 2022 में पुरानी तारीख में तैयार कराए गए। इसके बिल में 8 अगस्त 2021 की तारीख का उल्लेख था, जिसमें कांटछांट कर 21 को 22 किया गया है। शिकायतकर्ता ने अक्टूबर माह में संबंधित काम को करने वाली फार्मों के बगैर तारीख के कोटेशन और बाद में उन पर बैक डेट की दिनांक और हस्ताक्षर के साथ बनाए फर्जी दस्तावेज के प्रमाण भी दिए हैं।
दो फर्मों के कोटेशन एक ही व्यक्ति के हस्ताक्षर से
शिकायत में दो फर्मों के कोटेशन एक ही व्यक्ति द्वारा तैयार करने के आरोप लगाए गए हैं। दो अलग-अलग फर्मों के कोटेशन एक ही व्यक्ति के राइटिंग से भरने के आरोप हैं। इसकी जांच कराने की मांग की गई है। वहीं, टेंडर की खानापूर्ति करने के लिए खुले लिफाफे में कोटेशन मंगाए गए। शिकायत के अनुसार परिषद की सेवा उपार्जन समिति की मौजूदगी के बावजूद अलग-अलग कोटेशन प्राप्ति समिति बनाई गई। शिकायत के अनुसार तुलनात्मक पत्रक में त्रुटियां होने के बावजूद बिना लेखा आपत्ति के फर्म को भुगतान किया गया है। इस मामले में शिकायतकर्ता वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र शिवहरे ने लोकायुक्त और मुख्यमंत्री से जांच कराने की मांग की है।
झूठी शिकायत की : डॉ. अनिल कोठारी
मैपकास्ट के महानिदेशक डॉ.अनिल कोठारी ने दोगुनी राशि खर्च करने के आरोप पर कहा कि परिषद में योजना अनुसार शासन से आवंटित राशि को खर्च किया जाता है। शिकायतकर्ता के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। वह आरटीआई से जानकारी निकालकर धमकाते हैं, शासन को झूठी शिकायत करते हैं वह जांच को प्रभावित करने के मैपकास्ट के वैज्ञानिकों की झूठी शिकायत कर रहे हैं। बाकी आरोप बेबुनियाद और झूठे है।
मैंने शिकायत कर दी
वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. नरेंद्र शिवहरे ने कहा कि मुझे जो शिकायत करना थी, वह मैंने कर दी है। मैं इस बारे आपसे बात नहीं कर सकता।
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