मृत-लोगों-के-इलाज-कराने-पर-मीडिया-के-दावे-पर-आई-केंद्रीय-स्वास्थ्य-मंत्रालय-की-प्रतिक्रिया,-जानें-क्या-कहा
नि:शुल्‍क उपचार के लिए योजना के तहत पंजीकृत करने का अनुरोध इसमें कहा गया कि यह ध्यान रखना उचित है कि रिपोर्ट में रेखांकित 50 प्रतिशत से अधिक मामले सार्वजनिक अस्पतालों द्वारा दर्ज किये गये हैं, जिनके पास धोखाधड़ी करने के लिए कोई अतिरिक्‍त प्रोत्‍साहन प्राप्‍त नहीं है, क्योंकि पैसे की प्रतिपूर्ति अस्पताल के खाते में की जाती है. इसमें कहा गया कि इसके अलावा, उपचार के दौरान मृत्यु के मामले में, अस्पताल को अनिवार्य रूप से मृत्यु रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी. बयान में कहा गया कि ऐसे भी कई उदाहरण हैं जहां रोगी को एक निजी मरीज (स्व-भुगतान) के रूप में अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, लेकिन बाद में योजना और उसके तहत उसकी (रोगी की) पात्रता के बारे में पता चलने पर, रोगी अस्पताल से नि:शुल्‍क उपचार के लिए योजना के तहत पंजीकृत करने का अनुरोध करता है.

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नि:शुल्‍क उपचार के लिए योजना के तहत पंजीकृत करने का अनुरोध

इसमें कहा गया कि यह ध्यान रखना उचित है कि रिपोर्ट में रेखांकित 50 प्रतिशत से अधिक मामले सार्वजनिक अस्पतालों द्वारा दर्ज किये गये हैं, जिनके पास धोखाधड़ी करने के लिए कोई अतिरिक्‍त प्रोत्‍साहन प्राप्‍त नहीं है, क्योंकि पैसे की प्रतिपूर्ति अस्पताल के खाते में की जाती है. इसमें कहा गया कि इसके अलावा, उपचार के दौरान मृत्यु के मामले में, अस्पताल को अनिवार्य रूप से मृत्यु रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी. बयान में कहा गया कि ऐसे भी कई उदाहरण हैं जहां रोगी को एक निजी मरीज (स्व-भुगतान) के रूप में अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, लेकिन बाद में योजना और उसके तहत उसकी (रोगी की) पात्रता के बारे में पता चलने पर, रोगी अस्पताल से नि:शुल्‍क उपचार के लिए योजना के तहत पंजीकृत करने का अनुरोध करता है.