अजय बोकिल
Updated Sat, 19 Aug 2023 02: 04 PM IST
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भाजपा ने मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों के लिए 39 नामों की पहली सूची जारी कर दी है। कुछ जगहों पर घोषित नामों का विरोध भी शुरू हो गया है। अमर उजाला ग्राफिक्स – फोटो : अमर उजाला
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को खां, मधपिरदेश में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव के चार महीने पेले जिन 39 सीटों पर टिकट बांट दिए हें, उनपे कोन को टिकट दिए इससे ज्यादा चर्चा इस बात पे हो रई हेगी के इन लोग को पार्टी ने क्या सोच के टिकट दिए? सियासी जानकार के रिए हें के या तो पार्टी ने ये पेले से ई मान लिया हे के इन सीटो पे कुछ भी कर लो, हारना ई हेगा तो कोई को भी टिकट पकड़ा हो। धुप्पल में कोई जीत गया तो वाहवा। हार गया तो हरिनाम। मजे की बात ये हे के इन बरसों से हारती आ रई सीटों पे भी टिकट बंटवारे को लेके भारी बवाल मचा हे ओर भाजपा में बगावत के ढोल बुलंद हो रिए हें।
मियां, बीजेपी ने पिरदेश की कुल 230 में से 39 सीटों के टिकट इत्ती जल्दी बांट के उन लोगों को भी चोंका दिया, जो खुद भी उम्मीद नई कर रिए थे कि टिकट उनको मिल सकता हे। मगर मिला। क्या सोच के ओर किन मापदंडों पे मिला, ये ठीक से कोई को नई पता। इस बारे में पार्टी के चुनाव पिरबंधन समिति के संयोजक नरेन्द्र सिंह तोमर का केना हेगा के सभी पहलुओं को ध्यान में रखके ये टिकट बांटे गए हें। पार्टी के जानकारों का केना हे के टिकट बांटने के पीछे खाली एकई फार्मूला हे के चुनाव जीतने को होना। मगर केसे, इसका जवाब कोई के पास नई हे।
खां, इसी बात पे भाजपा में अलग अलग राय हे। पेली बात तो ये के जो टिकट बांटे गए हें, उनमें से पिछली बार हारे 14 चेहरों को फिर से मोका दिया गया हे तो 12 नए चेहरे उतारे गए हें। जो नए चेहरे हें, उन पे भी विवाद हो रिया हे। लोगों का केना हे के जो पिछली बार भी नहीं जीत पाए थे, वो इस बार कोन के भरोसे चुनावी नैया पार लगाएंगे? बीते चार साल में इन लोगों ने एसा कोन सा काम करा हे, के लोग इनको वोट दें।
इस टिकट बंटवारे की खूबी ये हे के पार्टी ने इस मामले में अपनी सभी नार्म्स को ताक पे रख दिया हे। ना उमर की सीमा हे ओर न इमेज का सवाल। पब्लिक में उसकी पकड़ या परिवारवाद का भी कोई मुद्दा नई हे। भारी मंथन के बाद जो ठीक लगा, उसीके माथे पे टीका लगा दिया। अब नतीजा ये हे के जगा जगा से बगावत के बिगुल बज रिए हें। छतरपुर में ललिता यादव के खिलाफ अर्चना सिंह गुड्ड़ू के लोगों ने मोर्चा खोल दिया हे तो गोहद में रणवीरसिंह जाटव के लोगों ने कांगरेस में वापसी की धमकियां देना शुरू कर िदया हे। राऊ में दावेदार जितू जिराती ने टिकट का एलान होते ई खामोशी अख्तियार कर ली हे। महेश्वर में राजकुमार मेव का टिकट फाइनल होते ई टिकट के दावेदार भूपेन्द्र आर्य ने विरोध शुरू कर दिया हे। ये ई हाल कुक्षी, पुष्पराजगढ़, सोनकच्छ, शाहपुरा, चाचोड़ा में भी हेगा। भोपाल में जो दो टिकट पार्टी ने दिए हें, उनके नाम देख के लोगों ने खाली ठंडी सांसे ली हें। दूसरी तरफ इस टिकट बंटवारे से कांगरेस के होसले ओर बढ़ गए हें।
खां, इस भोत जल्दी टिकट बंटवारे के पीछे भाजपा आलाकमान की दलील ये हे के जल्दी टिकट देने से पिरत्याशी को चुनाव पिरचार ओर नाराज कारकरताओं को मनाने का भरपूर मोका मिलेगा। वो वोटरों तक अपने ओर सरकार के काम को पोंचा सकेगा। पब्लिक भी अपना माइंड बना सकेगी। वाजिब बात हे मगर ये कोई नई सोच रिया के उम्मीदवार के साथ साथ पार्टी ने भीतरघातियों को खुराफातें करने का भी भरपूर टेम दे दिया हे, उसका का क्या? बहरहाल अभी तो हारी सीटों पर हारे हुओं पे दांव लगा हे, जीती सीटों पे पार्टी क्या सोच के टिकट बांटती हे, इसपे पूरे पिरदेश की निगाहें लगी हेंगी।
-बतोलेबाज डिस्क्लेमर (अस्वीकरण):
यह लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है। अपने विचार हमें blog@auw।co।in पर भेज सकते हैं। लेख के साथ संक्षिप्त परिचय और फोटो भी संलग्न करें।
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