अजय बोकिल Updated Sat, 18 Feb 2023 01: 43 PM IST सार लेटेस्ट अपडेट्स के लिए फॉलो करें मध्यप्रदेश के सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव चल रहा है। शुरुआती दो दिन में इतनी भीड़ आ गई कि इंतजाम धरे के धरे रह गए। मुफ्त का रुद्राक्ष पाने के लिए लोग दूर-दूर से आए। इस दौरान तीन मौतें भी हो गई। अमर उजाला ग्राफिक्स - फोटो : अमर उजाला विस्तार को खां, अपने एमपी में बाबागिरी के नाम पे गजब हो रिया हे। पिरदेश में बाबा लोग धरम के नाम पे मोत के रूदराक्ष बांट रिए हें। आम लोग भी इसके चक्कर इस कदर अंधे हो रिए हें के भले मोत आ जाए पर फिरी का रूदराक्ष जरूर हासिल करना हे। लिहाजा सीहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम के एक कथावाचक बाबा के चक्कर में एक दिन तो 20 लाख पब्लिक पोंच गईं। वहां इस कदर गदर मचा के एक ओरत ओर एक बच्चे की मोत हो गई। इसपे बाबा ने फरमाया के जिसकी मोत आनी हे, सो आके रेगी। कोई माई का लाल रोक नई सकता। इत्ता होते हुए भी सरकार की हिम्मत नई हे बाबा के खिलाफ मुकदमा कायम कर दे। मियां, अपने मधपिरदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव का खेला बाबाओं के आंगन से शुरू हो चुका हे। सवाल तो ये उठ रिया हे के  अब पिरदेश में सरकार चला कोन रिया हे, नेता लोग या बाबा लोग, ये ई आम इंसान  की समझ नई आ रिया। बीच में हल्ला हुआ के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री महाराज पागलों को ठीक कर देते हें ओर लोगो के मन की बात पेले ई से जानकर लिखकर दे देते हें। 26 साल के नोजवान बाबा की शोहरत कुछ कदर फेली के दूरदराज के लोग दिमागी इलाज के वास्ते बाबा के बागेश्वर धाम पोंचने लगे। बाबा का दावा हे के वो कोई चमत्कारी पीर नई हे। उनपे बजरंग बली का इष्ट हेगा। सो, वो ई सब कुछ कराते हें। लोगों का इलाज भी। अब आलम ये हे के लाखों लोग बागेश्वर धाम पोंच रिए हें। उसी से ये भी पता चल रिया हेगा के आज कित्ते लोगों  की दिमागी हालत ठीक नई हे। पर ऐसे लोग सचमुच में ठीक हो रिए हें या फिर ये भी कोई इंदरजाल हेगा, ये कोई की समझ नई आ रिया। मियां, सीहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम के पंडित परदीप मिश्रा ने तो गजब ई करा। उन्होंने सात दिन के कथा पिरवचन में फोकट में अभिमंतरित रूदराक्ष बांटने का एलान का क्या करा, लाखों नर-नारी बाल बच्चों संग कुबेरेश्वर धाम पोंचने लगे। भोपाल-इंदोर रोड पे किलोमीटरो से लंबा जाम लग गया। रूदराक्ष के काउंटर कम पड़ गए। भारी अफरातफरी मच गई। कई लोग भगदड़ में कुचल गए। एक ओरत जो रूदराक्ष लेने आई थी, भगदड़ में अपनी जान गंवा बेठी तो दूसरे दिन एक तीन साल का बच्चा भगदड़ का शिकार हो गया। जब इसके बारे में बाबा से पूछा गया तो बोले कि मोत तो ऊपर वाले ने लिखी हे। आनी हे तो आएगी। खां, इस अफरातफरी ओर भगदड़ के बाद लोग सवाल कर रिए हें के जिला पिरशासन क्या कर रिया था? अफसर के रिए हेंगे के जित्ता बन सकता था, हमने करा। इत्ती बेतहाशा भीड़ आ जाए तो हम भी क्या करें। मगर पिरशासन कथावाचक पंडित को इसका जिम्मेदार मानने को तैयार नई हे। मतलब ये को आ रिया, वो खुद अपनी जिंदगी दांव पे लगा के रूदराक्ष पाने आ रिया हे। अब अंध श्ररद्धा का आलम ये हे के बाबा के दिए रूदराक्ष को पानी में भिगोकर वो पानी पीने से सारे रोग कष्ट दूर हो जाते हेंगे। हींग लगे न फिटकरी। सो धक्के खाके भी लोग रूदराक्ष कबाड़ने में लगे हुए हें। ये कोई नई पूछ रिया के जो बंट रिए हें, वो रूदराक्ष असली हें भी या नहीं ओर इत्ती लाखों की तादाद में रूदराक्ष बाबा ने मंगाएं कहां से ओर किस कीमत पे? इसका पेसा कोन दे रिया हे? उधर सरकार भी आंखे मूंदे हुए है। उसका मानना हे फिरी के रूदराक्ष से उसके चुनावी वोट पक रिए हें। ऐसे में दो चार मर भी जाएं, कोन को फरक पड़ता हे। - बतोलेबाज   डिस्क्लेमर (अस्वीकरण):  यह लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है। अपने विचार हमें blog@auw.co.in पर भेज सकते हैं। लेख के साथ संक्षिप्त परिचय और फोटो भी संलग्न करें।     रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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अजय बोकिल
Updated Sat, 18 Feb 2023 01: 43 PM IST

सार

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मध्यप्रदेश के सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव चल रहा है। शुरुआती दो दिन में इतनी भीड़ आ गई कि इंतजाम धरे के धरे रह गए। मुफ्त का रुद्राक्ष पाने के लिए लोग दूर-दूर से आए। इस दौरान तीन मौतें भी हो गई। अमर उजाला ग्राफिक्स – फोटो : अमर उजाला

विस्तार को खां, अपने एमपी में बाबागिरी के नाम पे गजब हो रिया हे। पिरदेश में बाबा लोग धरम के नाम पे मोत के रूदराक्ष बांट रिए हें। आम लोग भी इसके चक्कर इस कदर अंधे हो रिए हें के भले मोत आ जाए पर फिरी का रूदराक्ष जरूर हासिल करना हे। लिहाजा सीहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम के एक कथावाचक बाबा के चक्कर में एक दिन तो 20 लाख पब्लिक पोंच गईं। वहां इस कदर गदर मचा के एक ओरत ओर एक बच्चे की मोत हो गई। इसपे बाबा ने फरमाया के जिसकी मोत आनी हे, सो आके रेगी। कोई माई का लाल रोक नई सकता। इत्ता होते हुए भी सरकार की हिम्मत नई हे बाबा के खिलाफ मुकदमा कायम कर दे।

मियां, अपने मधपिरदेश में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव का खेला बाबाओं के आंगन से शुरू हो चुका हे। सवाल तो ये उठ रिया हे के  अब पिरदेश में सरकार चला कोन रिया हे, नेता लोग या बाबा लोग, ये ई आम इंसान  की समझ नई आ रिया। बीच में हल्ला हुआ के छतरपुर जिले के बागेश्वर धाम के धीरेन्द्र शास्त्री महाराज पागलों को ठीक कर देते हें ओर लोगो के मन की बात पेले ई से जानकर लिखकर दे देते हें। 26 साल के नोजवान बाबा की शोहरत कुछ कदर फेली के दूरदराज के लोग दिमागी इलाज के वास्ते बाबा के बागेश्वर धाम पोंचने लगे। बाबा का दावा हे के वो कोई चमत्कारी पीर नई हे। उनपे बजरंग बली का इष्ट हेगा। सो, वो ई सब कुछ कराते हें। लोगों का इलाज भी। अब आलम ये हे के लाखों लोग बागेश्वर धाम पोंच रिए हें। उसी से ये भी पता चल रिया हेगा के आज कित्ते लोगों  की दिमागी हालत ठीक नई हे। पर ऐसे लोग सचमुच में ठीक हो रिए हें या फिर ये भी कोई इंदरजाल हेगा, ये कोई की समझ नई आ रिया।

मियां, सीहोर जिले के कुबेरेश्वर धाम के पंडित परदीप मिश्रा ने तो गजब ई करा। उन्होंने सात दिन के कथा पिरवचन में फोकट में अभिमंतरित रूदराक्ष बांटने का एलान का क्या करा, लाखों नर-नारी बाल बच्चों संग कुबेरेश्वर धाम पोंचने लगे। भोपाल-इंदोर रोड पे किलोमीटरो से लंबा जाम लग गया। रूदराक्ष के काउंटर कम पड़ गए। भारी अफरातफरी मच गई। कई लोग भगदड़ में कुचल गए। एक ओरत जो रूदराक्ष लेने आई थी, भगदड़ में अपनी जान गंवा बेठी तो दूसरे दिन एक तीन साल का बच्चा भगदड़ का शिकार हो गया। जब इसके बारे में बाबा से पूछा गया तो बोले कि मोत तो ऊपर वाले ने लिखी हे। आनी हे तो आएगी।

खां, इस अफरातफरी ओर भगदड़ के बाद लोग सवाल कर रिए हें के जिला पिरशासन क्या कर रिया था? अफसर के रिए हेंगे के जित्ता बन सकता था, हमने करा। इत्ती बेतहाशा भीड़ आ जाए तो हम भी क्या करें। मगर पिरशासन कथावाचक पंडित को इसका जिम्मेदार मानने को तैयार नई हे। मतलब ये को आ रिया, वो खुद अपनी जिंदगी दांव पे लगा के रूदराक्ष पाने आ रिया हे। अब अंध श्ररद्धा का आलम ये हे के बाबा के दिए रूदराक्ष को पानी में भिगोकर वो पानी पीने से सारे रोग कष्ट दूर हो जाते हेंगे। हींग लगे न फिटकरी। सो धक्के खाके भी लोग रूदराक्ष कबाड़ने में लगे हुए हें। ये कोई नई पूछ रिया के जो बंट रिए हें, वो रूदराक्ष असली हें भी या नहीं ओर इत्ती लाखों की तादाद में रूदराक्ष बाबा ने मंगाएं कहां से ओर किस कीमत पे? इसका पेसा कोन दे रिया हे? उधर सरकार भी आंखे मूंदे हुए है। उसका मानना हे फिरी के रूदराक्ष से उसके चुनावी वोट पक रिए हें। ऐसे में दो चार मर भी जाएं, कोन को फरक पड़ता हे।

– बतोलेबाज
 
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण):  यह लेखक के निजी विचार हैं। आलेख में शामिल सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है। अपने विचार हमें blog@auw.co.in पर भेज सकते हैं। लेख के साथ संक्षिप्त परिचय और फोटो भी संलग्न करें।
 
 

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