महाकाल-की-सवारी:-'भविष्य-में-हाथी-ही-नहीं-कोई-व्यक्ति-पागल-हो-सकता-है',-pfa-की-इस-टिप्पणी-पर-भड़के-पीठाधीश्वर
पीठाधीश्वर क्रांतिकारी संत परमहंस अवधेशपुरी महाराज। - फोटो : Amar Ujala Digital विस्तार Follow Us पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था (पीएफए) ने कुछ दिनों पहले बाबा महाकाल की सवारी में निकलने वाले हाथी पर आपत्ति दर्ज करवाई थी। इसकी शिकायत को लेकर प्रमुख सचिव और जीव जंतु कल्याण के सेक्रेटरी को मेल की थी। संस्था के प्रियांशु जैन ने मेल के माध्यम से कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और एसपी सचिन शर्मा को बताया था कि सवारी के दौरान आखिर कैसे हाथी को बार-बार लकड़ी में लगी कील चुभाकर उससे क्रूरता की जाती है।  शिकायत में उन्होंने कहा कि इस तरह हाथी को लाखों लोगों के बीच लेकर चलना जन सुरक्षा के लिहाज से भी जोखिम भरा है। इसीलिए इस पूरे मामले मे जांच कर उचित वैधानिक कार्रवाई करने के साथ ही जिम्मेदार दोषियों को दंडित करने की बात कही। शिकायत के साथ एक वीडियो भी भेजा गया था, जिसमें महावत हाथी को कील लगे डंडे से संभालता नजर जा रहा था।  बुधवार की शाम तक PFA (पीपुल्स फॉर एनीमल) संस्था द्वारा की गई यह शिकायत सुर्खियों में बनी रही। शाम होते ही स्वस्तिक पीठ के पीठाधीश्वर क्रांतिकारी संत परमहंस अवधेशपुरी महाराज ने इस शिकायत को लेकर एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था के जिम्मेदारों को सिर्फ और सिर्फ बाबा महाकाल की सवारी में निकाले जाने वाले हाथी पर ही आखिर क्रूरता क्यों दिखाई दे रही है, जबकि हर वर्ष ईद पर लाखों बकरे काटे जाते हैं, उन्हें पोल्ट्री फार्म पर काटे जाने वाले लाखों मुर्गे-मुर्गियों की कभी चिंता क्यों नहीं हुई। क़त्लखानों में रोजाना कटने वाली गायों की आपने कभी चिंता क्यों नहीं की।  उज्जैन के राजा हैं बाबा महाकाल उन्होंने कहा की धार्मिक नगरी उज्जैन के राजा हैं बाबा महाकाल, जोकि सवारी में परंपरागत रूप से वर्षों से निकलते हैं। हाथी पर भगवान श्री मनमहेश की प्रतिमा प्रत्येक सवारी मे विराजमान रहती है। उन्होंने पीपल फॉर एनिमल्स के प्रियांशु जैन को यह बात कही कि भगवान महाकाल तो सदैव से मनमहेश के रूप में हाथी पर विराजित होकर निकलते रहे हैं और भविष्य में भी निकलते रहेंगे। भविष्य में हाथी ही नहीं कोई व्यक्ति पागल हो सकता है भगवान महाकाल राजा हैं और यह उनके वैभव का एक हिस्सा है और भक्तों का गौरव है। अगर उन्हें जीवों के प्रति इतनी ही दया है तो ईद के अवसर पर कटने वाले लाखों बकरों की जान की चिंता करें। उन पर दया दिखाएं। भगवान महाकाल की सवारी के विषय में किसी भी प्रकार का समझौता भगवान महाकाल के भक्त नहीं कर सकते। रही बात हाथी के पागल होने की तो आज तक तो कभी हाथी पागल हुआ नहीं और भविष्य में हाथी ही नहीं कोई व्यक्ति पागल हो सकता है।

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पीठाधीश्वर क्रांतिकारी संत परमहंस अवधेशपुरी महाराज। – फोटो : Amar Ujala Digital

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पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था (पीएफए) ने कुछ दिनों पहले बाबा महाकाल की सवारी में निकलने वाले हाथी पर आपत्ति दर्ज करवाई थी। इसकी शिकायत को लेकर प्रमुख सचिव और जीव जंतु कल्याण के सेक्रेटरी को मेल की थी। संस्था के प्रियांशु जैन ने मेल के माध्यम से कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और एसपी सचिन शर्मा को बताया था कि सवारी के दौरान आखिर कैसे हाथी को बार-बार लकड़ी में लगी कील चुभाकर उससे क्रूरता की जाती है। 

शिकायत में उन्होंने कहा कि इस तरह हाथी को लाखों लोगों के बीच लेकर चलना जन सुरक्षा के लिहाज से भी जोखिम भरा है। इसीलिए इस पूरे मामले मे जांच कर उचित वैधानिक कार्रवाई करने के साथ ही जिम्मेदार दोषियों को दंडित करने की बात कही। शिकायत के साथ एक वीडियो भी भेजा गया था, जिसमें महावत हाथी को कील लगे डंडे से संभालता नजर जा रहा था। 

बुधवार की शाम तक PFA (पीपुल्स फॉर एनीमल) संस्था द्वारा की गई यह शिकायत सुर्खियों में बनी रही। शाम होते ही स्वस्तिक पीठ के पीठाधीश्वर क्रांतिकारी संत परमहंस अवधेशपुरी महाराज ने इस शिकायत को लेकर एक बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि पीपुल्स फॉर एनिमल संस्था के जिम्मेदारों को सिर्फ और सिर्फ बाबा महाकाल की सवारी में निकाले जाने वाले हाथी पर ही आखिर क्रूरता क्यों दिखाई दे रही है, जबकि हर वर्ष ईद पर लाखों बकरे काटे जाते हैं, उन्हें पोल्ट्री फार्म पर काटे जाने वाले लाखों मुर्गे-मुर्गियों की कभी चिंता क्यों नहीं हुई। क़त्लखानों में रोजाना कटने वाली गायों की आपने कभी चिंता क्यों नहीं की। 

उज्जैन के राजा हैं बाबा महाकाल
उन्होंने कहा की धार्मिक नगरी उज्जैन के राजा हैं बाबा महाकाल, जोकि सवारी में परंपरागत रूप से वर्षों से निकलते हैं। हाथी पर भगवान श्री मनमहेश की प्रतिमा प्रत्येक सवारी मे विराजमान रहती है। उन्होंने पीपल फॉर एनिमल्स के प्रियांशु जैन को यह बात कही कि भगवान महाकाल तो सदैव से मनमहेश के रूप में हाथी पर विराजित होकर निकलते रहे हैं और भविष्य में भी निकलते रहेंगे।

भविष्य में हाथी ही नहीं कोई व्यक्ति पागल हो सकता है
भगवान महाकाल राजा हैं और यह उनके वैभव का एक हिस्सा है और भक्तों का गौरव है। अगर उन्हें जीवों के प्रति इतनी ही दया है तो ईद के अवसर पर कटने वाले लाखों बकरों की जान की चिंता करें। उन पर दया दिखाएं। भगवान महाकाल की सवारी के विषय में किसी भी प्रकार का समझौता भगवान महाकाल के भक्त नहीं कर सकते। रही बात हाथी के पागल होने की तो आज तक तो कभी हाथी पागल हुआ नहीं और भविष्य में हाथी ही नहीं कोई व्यक्ति पागल हो सकता है।

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