मध्यप्रदेश-में-पहली-बारः-रोबोट-ने-किए-जटिल-ऑपरेशन,-चेन्नई-से-डॉक्टरों-ने-दिए-निर्देश
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Tue, 18 Jun 2024 08: 23 PM IST मप्र अब मेडिकल में एडवांस टेक्नोलॉजी की राह पर आगे बढ़ रहा है। स्वच्छता और खानपान में अपनी वैश्विक पहचान बनाने वाले इंदौर ने नया इतिहास रच दिया है। पिछले कुछ वर्षों में मेडिकल हब के रूप में पहचान बना चुके इंदौर में रोबोटिक पद्धति से गाल ब्लैडर और हाइटल हर्निया की सफल सर्जरी की गई है। इस सर्जरी को चेन्नई और इंदौर के डॉक्टरों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है।  इंदौर के वरिष्ठ लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जन डॉ सीपी कोठारी और उनकी टीम द्वारा ये सर्जरी रोबोट के माध्यम से की गई। इस अत्याधुनिक विधि से उपचारित दोनों मरीज हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो गए हैं और अपने सामान्य जीवनशैली की तरफ बढ़ रहे हैं। डॉ सीपी कोठारी ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान चेन्नई से विशेषज्ञों ने हर पल पर नजर रखी। आधुनिक भारत में अब हम स्वास्थ्य क्षेत्र में नए कीर्तिमान रचने की ओर बढ़ रहे हैं। जल्द ही इंदौर विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए तैयार हो रहा है।  ऑपरेशन में रोबोट के फायदे 1. शरीर में किसी जगह को तलाशने में अधिक परफेक्शन मिलता है। 2. शरीर का कम से कम हिस्सा काटा जाता है। 3. बहुत कम खून का बहाव होता है, दर्द कम होता है। 4. समय कम लगता है। 5. रोबोट सारा काम संभालता है इसलिए ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टर कम होते हैं। इससे इन्फेक्शन का खतरा कम होता है। 6. मरीज की रिकवरी जल्दी होती है, जख्म भी जल्दी भरते हैं। 7. हर घटना का रिकार्ड संभालना आसान होता है।  दिल, लिवर, आंत से लेकर कई जटिल सर्जरी कर रहे रोबोट डॉ सीपी कोठारी ने कहा कि कुछ सालों पहले रोबोटिक सर्जरी के लिए मरीजों को मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे शहर जाना पड़ता था लेकिन अब रोबोटिक सर्जरी इंदौर में उपलब्ध है। रोबोटिक सर्जरी में रोबोटिक आर्म्स को डॉक्टरों के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। रोबोटिक सर्जरी एक मिनिमल इनवेसिव सर्जरी होती है जिसमें, केवल छोटे छोटे छेद किए जाते हैं, जबकि पुरानी पद्धति से होने वाली ओपन सर्जरी में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। रोबोटिक सर्जरी में दर्द कम होता है, जख्म जल्दी भरते हैं और कम कॉस्मेटिक निशान होते हैं। इसके अलावा इस पद्धति से सर्जरी में 3D एचडी विसुअल मिलता है, जिससे अधिक सटीकता और नियंत्रण के साथ ऑपरेशन करने में मदद मिलती है। इस रोबोट की मदद से दिल, लिवर, आंत से लेकर कई अंगों के ऑपरेशन किए जाते हैं। इंदौर के केयर सीएचएल हॉस्पिटल में मप्र का यह पहला एडवांस रोबोटिक सर्जरी सिस्टम लगाया गया है।  दुनिया में भारत मेडिकल टूरिज्म का नया केंद्र बनकर उभरेगा डॉ सीपी कोठारी ने कहा कि इस रोबोट के आने से इंदौर में मेडिकल टूरिज्म के द्वार भी खुले हैं। दुनियाभर के देशों के लोग अब सस्ते ऑपरेशन करवाने के लिए इंदौर आने लगे हैं। जो सर्जरी अमेरिका में 20 लाख रुप में होती है वही सर्जरी वहां के लोगों को भारत में तीन से चार लाख रुपए में पड़ जाती है। इस वजह से दुबई, यूरोप समेत दुनियाभर के देशों के मरीज भारत इलाज करवाने आ रहे हैं। भविष्य में भारत रोबोटिक्स सर्जरी की वजह से दुनिया में मेडिकल टूरिज्म का नया केंद्र बनकर उभरेगा।  तो क्या डॉक्टरों की जगह ले लेंगे रोबोट डॉ सीपी कोठारी ने कहा कि रोबोट कभी भी डॉक्टर की जगह नहीं ले सकते। सर्जरी रोबोट कर रहे हैं लेकिन उन्हें निर्देश तो डॉक्टर ही देगा। एक मरीज की परेशानी, भावनाएं और परिस्थिति कभी भी रोबोट नहीं समझ सकता। रोबोट डॉक्टरों को मजबूत करेंगे और उनके हाथ बनकर काम करेंगे। भविष्य में हमें हर क्षेत्र में टेक्नोलाजी को अपनाना ही होगा, यदि हम इसे नहीं सीखेंगे तो पीछे छूट जाएंगे। भारत और अमेरिका की स्थिति 30 करोड़ जनसंख्या है अमेरिका की और वहां साढ़े 6 हजार से ज्यादा रोबोट सर्जरी का काम करते हैं।  140 करोड़ जनसंख्या है भारत में इसके बाद भी केवल 150 रोबोट ही उपलब्ध हैं। 

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Tue, 18 Jun 2024 08: 23 PM IST

मप्र अब मेडिकल में एडवांस टेक्नोलॉजी की राह पर आगे बढ़ रहा है। स्वच्छता और खानपान में अपनी वैश्विक पहचान बनाने वाले इंदौर ने नया इतिहास रच दिया है। पिछले कुछ वर्षों में मेडिकल हब के रूप में पहचान बना चुके इंदौर में रोबोटिक पद्धति से गाल ब्लैडर और हाइटल हर्निया की सफल सर्जरी की गई है। इस सर्जरी को चेन्नई और इंदौर के डॉक्टरों द्वारा संयुक्त रूप से किया गया है। 

इंदौर के वरिष्ठ लेप्रोस्कोपिक और रोबोटिक सर्जन डॉ सीपी कोठारी और उनकी टीम द्वारा ये सर्जरी रोबोट के माध्यम से की गई। इस अत्याधुनिक विधि से उपचारित दोनों मरीज हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो गए हैं और अपने सामान्य जीवनशैली की तरफ बढ़ रहे हैं। डॉ सीपी कोठारी ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान चेन्नई से विशेषज्ञों ने हर पल पर नजर रखी। आधुनिक भारत में अब हम स्वास्थ्य क्षेत्र में नए कीर्तिमान रचने की ओर बढ़ रहे हैं। जल्द ही इंदौर विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिए तैयार हो रहा है। 

ऑपरेशन में रोबोट के फायदे
1. शरीर में किसी जगह को तलाशने में अधिक परफेक्शन मिलता है।
2. शरीर का कम से कम हिस्सा काटा जाता है।
3. बहुत कम खून का बहाव होता है, दर्द कम होता है।
4. समय कम लगता है।
5. रोबोट सारा काम संभालता है इसलिए ऑपरेशन थियेटर में डॉक्टर कम होते हैं। इससे इन्फेक्शन का खतरा कम होता है।
6. मरीज की रिकवरी जल्दी होती है, जख्म भी जल्दी भरते हैं।
7. हर घटना का रिकार्ड संभालना आसान होता है। 

दिल, लिवर, आंत से लेकर कई जटिल सर्जरी कर रहे रोबोट
डॉ सीपी कोठारी ने कहा कि कुछ सालों पहले रोबोटिक सर्जरी के लिए मरीजों को मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु जैसे शहर जाना पड़ता था लेकिन अब रोबोटिक सर्जरी इंदौर में उपलब्ध है। रोबोटिक सर्जरी में रोबोटिक आर्म्स को डॉक्टरों के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। रोबोटिक सर्जरी एक मिनिमल इनवेसिव सर्जरी होती है जिसमें, केवल छोटे छोटे छेद किए जाते हैं, जबकि पुरानी पद्धति से होने वाली ओपन सर्जरी में एक बड़ा चीरा लगाया जाता है। रोबोटिक सर्जरी में दर्द कम होता है, जख्म जल्दी भरते हैं और कम कॉस्मेटिक निशान होते हैं। इसके अलावा इस पद्धति से सर्जरी में 3D एचडी विसुअल मिलता है, जिससे अधिक सटीकता और नियंत्रण के साथ ऑपरेशन करने में मदद मिलती है। इस रोबोट की मदद से दिल, लिवर, आंत से लेकर कई अंगों के ऑपरेशन किए जाते हैं। इंदौर के केयर सीएचएल हॉस्पिटल में मप्र का यह पहला एडवांस रोबोटिक सर्जरी सिस्टम लगाया गया है। 

दुनिया में भारत मेडिकल टूरिज्म का नया केंद्र बनकर उभरेगा
डॉ सीपी कोठारी ने कहा कि इस रोबोट के आने से इंदौर में मेडिकल टूरिज्म के द्वार भी खुले हैं। दुनियाभर के देशों के लोग अब सस्ते ऑपरेशन करवाने के लिए इंदौर आने लगे हैं। जो सर्जरी अमेरिका में 20 लाख रुप में होती है वही सर्जरी वहां के लोगों को भारत में तीन से चार लाख रुपए में पड़ जाती है। इस वजह से दुबई, यूरोप समेत दुनियाभर के देशों के मरीज भारत इलाज करवाने आ रहे हैं। भविष्य में भारत रोबोटिक्स सर्जरी की वजह से दुनिया में मेडिकल टूरिज्म का नया केंद्र बनकर उभरेगा। 

तो क्या डॉक्टरों की जगह ले लेंगे रोबोट
डॉ सीपी कोठारी ने कहा कि रोबोट कभी भी डॉक्टर की जगह नहीं ले सकते। सर्जरी रोबोट कर रहे हैं लेकिन उन्हें निर्देश तो डॉक्टर ही देगा। एक मरीज की परेशानी, भावनाएं और परिस्थिति कभी भी रोबोट नहीं समझ सकता। रोबोट डॉक्टरों को मजबूत करेंगे और उनके हाथ बनकर काम करेंगे। भविष्य में हमें हर क्षेत्र में टेक्नोलाजी को अपनाना ही होगा, यदि हम इसे नहीं सीखेंगे तो पीछे छूट जाएंगे।

भारत और अमेरिका की स्थिति
30 करोड़ जनसंख्या है अमेरिका की और वहां साढ़े 6 हजार से ज्यादा रोबोट सर्जरी का काम करते हैं। 
140 करोड़ जनसंख्या है भारत में इसके बाद भी केवल 150 रोबोट ही उपलब्ध हैं। 

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