बाढ़-प्रभावित-श्रीनगर-में-अब-पसरा-महामारी-का-अंदेशा
शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र। बाॠपà¥à¤°à¤­à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र के सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ केंदà¥à¤°à¥‹à¤‚ में अधिक से अधिक संखà¥à¤¯à¤¾ में खà¥à¤œà¤²à¥€, छाती में संकà¥à¤°à¤®à¤£ और अतिसार की शिकायतों के साथ मरीज आ रहे हैं। à¤šà¤¿à¤•ितà¥à¤¸à¤•ों का कहना है कि वे महामारी के पà¥à¤°à¤•ोप से निपट रहे हैं। इस बीच शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र शहर के कई इलाकों से पानी निकालने के काम की सà¥à¤¸à¥à¤¤ रफà¥à¤¤à¤¾à¤° से सैकड़ों इमारतों के ढहने का खतरा पैदा हो गया है जिससे करोड़ों की संपतà¥à¤¤à¤¿ को नà¥à¤•सान पहà¥à¤‚च सकता है। सिविल इंजीनियर नासिर अहमद ने कहा कि शहर में कई पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ इमारतें पहले ही धà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ हो चà¥à¤•ी हैं और कई आने वाले दिनों में ढह सकती हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जल सà¥à¤¤à¤° बीते तीन दिन में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कम नहीं हà¥à¤† है। à¤à¤• पà¥à¤²à¤¿à¤¸ अधिकारी के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, केवल राजबाग, गोगजीबाग और जवाहर नगर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में सौ से अधिक घर ढह चà¥à¤•े हैं जबकि इन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में बाॠके कारण कई ढांचों को आंशिक रूप से नà¥à¤•सान पहà¥à¤‚चा है। नासिर ने कहा कि जवाहर नगर में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° घर साठ के दशक के आखिर और 70 के दशक की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ के बने हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, ‘उन दिनों, घर कंकà¥à¤°à¥€à¤Ÿ के बजाय रà¥à¤‡à¤‚ट और मिटà¥à¤Ÿà¥€ से बनते थे। इस वजह से ये घर खतरे में हैं।’ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि अधिकारियों को यहां से तेजी से पानी निकालने के लिठऔर मोटर लगानी चाहिà¤à¥¤ जमà¥à¤®à¥‚ कशà¥à¤®à¥€à¤° की गà¥à¤°à¥€à¤·à¥à¤®à¤•ालीन राजधानी में बाॠआने के बाद से सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ समाचारपतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤•ाशन नहीं हो रहा है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अधिकतर अखबारों और सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤•ों के कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ पिछले दस दिनों से पानी में डूबे हà¥à¤ हैं।  उधर, रामबाग में à¤à¤• चिकितà¥à¤¸à¤¾ शिविर में डा शबà¥à¤¬à¥€à¤° अहमद ने कहा, ‘शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में हमारे पास जखà¥à¤® वाले मरीज आ रहे थे और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• उपचार की जरूरत होती थी लेकिन बीते दो तीन दिनों से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° मरीज खà¥à¤œà¤²à¥€, सीने में संकà¥à¤°à¤®à¤£ और अतिसार के लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ के साथ आ रहे हंै।’ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, ‘हम महामारी के पà¥à¤°à¤•ोप का सामना कर रहे हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि दिन ब दिन इसी तरह के लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ वाले मरीजों की संखà¥à¤¯à¤¾ बà¥à¤¤à¥€ जा रही है।’ डा शबà¥à¤¬à¥€à¤° ने कहा, ‘कà¥à¤¯à¤¾ हम इस महामारी से निपटने को तैयार हैं। जवाब हैं नहीं। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यहां परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ दवाओं की आपूरà¥à¤¤à¤¿ नहीं है।’ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हालांकि यह शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤à¥€ चरण में है लेकिन महामारी पहले ही फैल गई है और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ डर है कि यह धीरे-धीरे समूचे शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र को और आखिरकार समूची घाटी को अपनी गिरफà¥à¤¤ में ले लेगी। अहमद ने कहा कि हर दिन 1600 से अधिक मरीज मेडिकल शिविरों में आते हैं और उनमें से करीबन 90 फीसद समान लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ के साथ आते हैं, जो इस बात का संकेत हो सकता है कि महामारी यहां पहले ही अपनी जड़ें फैला रही है। अहमद ने कहा कि तà¥à¤µà¤šà¤¾ में खà¥à¤œà¤²à¥€, छाती में संकà¥à¤°à¤®à¤£ और अतिसार शहर में महामारी के पà¥à¤°à¤•ोप का संकेत हैं।शहर में दवाओं की कमी ने निवासियों की समसà¥à¤¯à¤¾ बà¥à¤¾ दी है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यहां चिकितà¥à¤¸à¤•ों का कहना है कि समय पर उपचार नहीं किया गया तो ये लकà¥à¤·à¤£ जीवन को खतरा पहà¥à¤‚चाने वाली सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का रूप ले सकते हैं।  शिविर में à¤à¤• अनà¥à¤¯ फिजिशियन डा तौसीफ डार ने कहा, ‘ये लकà¥à¤·à¤£ महामारी के पà¥à¤°à¤•ोप का पूरà¥à¤µ लकà¥à¤·à¤£ हैं और ये तथà¥à¤¯ यहां लोगों के कषà¥à¤Ÿ को और बà¥à¤¾ रहे हैं कि हम जीवन रकà¥à¤·à¤• दवाओं की कमी से जूठरहे हैं।’ चिकितà¥à¤¸à¤•ों का कहना है कि शिशॠऔर छोटे बचà¥à¤šà¥‡ इन बीमारियों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अधिक संवेदनशील हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनकी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¤•à¥à¤·à¤• पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ रोगाणà¥à¤“ं से निपटने के लिठकाफी कमजोर है। सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ अखबारों का पà¥à¤°à¤•ाशन नहीं: कशà¥à¤®à¥€à¤° की गà¥à¤°à¥€à¤·à¥à¤®à¤•ालीन राजधानी में बाॠआने के बाद से सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ समाचारपतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤•ाशन नहीं हो रहा है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अधिकतर अखबारों और सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤•ों के कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ पिछले दस दिनों से पानी में डूबे हà¥à¤ हैं। मà¥à¤¶à¥à¤¤à¤¾à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤¸ à¤à¤¨à¤•à¥à¤²à¥‡à¤µ में अब भी कई फà¥à¤Ÿ पानी जमा है। इसी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में कई पà¥à¤°à¤®à¥à¤– अंगेà¥à¤°à¤œà¥€ और उरà¥à¤¦à¥‚ दैनिकों के कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं। à¤à¥‡à¤²à¤® का जलसà¥à¤¤à¤° बà¥à¤¨à¥‡ के बाद सात सितंबर को पानी लाल चौक और आसपास के इलाकों में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर गया था। बाद में अबी गà¥à¤œà¤° के पास नदी का बांध भी टूट गया था। कà¥à¤› ही घंटों बाद पà¥à¤°à¥‡à¤¸ à¤à¤¨à¤•à¥à¤²à¥‡à¤µ सहित कई इलाकों में कई फà¥à¤Ÿ पानी भर गया था जिससे समाचार पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤•ाशन पà¥à¤°à¤­à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤†à¥¤ अधिकतर दैनिक अपने इंटरनेट संसà¥à¤•रणों का संचालन कर रहे हैं लेकिन उनका पà¥à¤°à¤¿à¤‚ट संसà¥à¤•रण कब तक शà¥à¤°à¥‚  à¤¹à¥‹à¤—ा, इस बारे में कोई अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ नहीं है। कशà¥à¤®à¥€à¤° में à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– अंगेà¥à¤°à¤œà¥€ समाचार पतà¥à¤° के à¤à¤• वरिषà¥à¤  अधिकारी ने  à¤•हा, ‘सभी उपकरण डूब गठहैं और हमें फिर शà¥à¤°à¥‚  à¤•रने के पहले उनमें से अधिकतर को बदलना होगा। मेरा अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ है कि हमें नठसिरे से शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ करनी होगी।’ दूसरी ओर कशà¥à¤®à¥€à¤° मॉनीटर के संपादक शमीम मेराज ने दावा किया कि वह नौ दिनों के बाद आज अपने दैनिक का à¤à¤• संसà¥à¤•रण बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को पà¥à¤°à¤•ाशित करने में सफल रहे। मेराज ने कहा, ‘हम आज संसà¥à¤•रण लाने में कामयाब रहे। लोगों ने समाचारपतà¥à¤° की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को हाथों-हाथ लिया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कशà¥à¤®à¥€à¤° में बाॠआने के बाद से कोई अखबार उपलबà¥à¤§ नहीं है।’  (भाषा) आपके विचार

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र। बाॠपà¥à¤°à¤­à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र के सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ केंदà¥à¤°à¥‹à¤‚ में अधिक से अधिक संखà¥à¤¯à¤¾ में खà¥à¤œà¤²à¥€, छाती में संकà¥à¤°à¤®à¤£ और अतिसार की शिकायतों के साथ मरीज आ रहे हैं। à¤šà¤¿à¤•ितà¥à¤¸à¤•ों का कहना है कि वे महामारी के पà¥à¤°à¤•ोप से निपट रहे हैं। इस बीच शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र शहर के कई इलाकों से पानी निकालने के काम की सà¥à¤¸à¥à¤¤ रफà¥à¤¤à¤¾à¤° से सैकड़ों इमारतों के ढहने का खतरा पैदा हो गया है जिससे करोड़ों की संपतà¥à¤¤à¤¿ को नà¥à¤•सान पहà¥à¤‚च सकता है।

सिविल इंजीनियर नासिर अहमद ने कहा कि शहर में कई पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ इमारतें पहले ही धà¥à¤µà¤¸à¥à¤¤ हो चà¥à¤•ी हैं और कई आने वाले दिनों में ढह सकती हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जल सà¥à¤¤à¤° बीते तीन दिन में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ कम नहीं हà¥à¤† है। à¤à¤• पà¥à¤²à¤¿à¤¸ अधिकारी के अनà¥à¤¸à¤¾à¤°, केवल राजबाग, गोगजीबाग और जवाहर नगर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में सौ से अधिक घर ढह चà¥à¤•े हैं जबकि इन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में बाॠके कारण कई ढांचों को आंशिक रूप से नà¥à¤•सान पहà¥à¤‚चा है। नासिर ने कहा कि जवाहर नगर में जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° घर साठ के दशक के आखिर और 70 के दशक की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ के बने हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, ‘उन दिनों, घर कंकà¥à¤°à¥€à¤Ÿ के बजाय रà¥à¤‡à¤‚ट और मिटà¥à¤Ÿà¥€ से बनते थे। इस वजह से ये घर खतरे में हैं।’ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि अधिकारियों को यहां से तेजी से पानी निकालने के लिठऔर मोटर लगानी चाहिà¤à¥¤

जमà¥à¤®à¥‚ कशà¥à¤®à¥€à¤° की गà¥à¤°à¥€à¤·à¥à¤®à¤•ालीन राजधानी में बाॠआने के बाद से सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ समाचारपतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤•ाशन नहीं हो रहा है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अधिकतर अखबारों और सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤•ों के कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ पिछले दस दिनों से पानी में डूबे हà¥à¤ हैं। 

उधर, रामबाग में à¤à¤• चिकितà¥à¤¸à¤¾ शिविर में डा शबà¥à¤¬à¥€à¤° अहमद ने कहा, ‘शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ में हमारे पास जखà¥à¤® वाले मरीज आ रहे थे और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पà¥à¤°à¤¾à¤¥à¤®à¤¿à¤• उपचार की जरूरत होती थी लेकिन बीते दो तीन दिनों से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° मरीज खà¥à¤œà¤²à¥€, सीने में संकà¥à¤°à¤®à¤£ और अतिसार के लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ के साथ आ रहे हंै।’ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा, ‘हम महामारी के पà¥à¤°à¤•ोप का सामना कर रहे हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि दिन ब दिन इसी तरह के लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ वाले मरीजों की संखà¥à¤¯à¤¾ बà¥à¤¤à¥€ जा रही है।’

डा शबà¥à¤¬à¥€à¤° ने कहा, ‘कà¥à¤¯à¤¾ हम इस महामारी से निपटने को तैयार हैं। जवाब हैं नहीं। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यहां परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ दवाओं की आपूरà¥à¤¤à¤¿ नहीं है।’ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि हालांकि यह शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤à¥€ चरण में है लेकिन महामारी पहले ही फैल गई है और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ डर है कि यह धीरे-धीरे समूचे शà¥à¤°à¥€à¤¨à¤—र को और आखिरकार समूची घाटी को अपनी गिरफà¥à¤¤ में ले लेगी।

अहमद ने कहा कि हर दिन 1600 से अधिक मरीज मेडिकल शिविरों में आते हैं और उनमें से करीबन 90 फीसद

समान लकà¥à¤·à¤£à¥‹à¤‚ के साथ आते हैं, जो इस बात का संकेत हो सकता है कि महामारी यहां पहले ही अपनी जड़ें फैला रही है। अहमद ने कहा कि तà¥à¤µà¤šà¤¾ में खà¥à¤œà¤²à¥€, छाती में संकà¥à¤°à¤®à¤£ और अतिसार शहर में महामारी के पà¥à¤°à¤•ोप का संकेत हैं।शहर में दवाओं की कमी ने निवासियों की समसà¥à¤¯à¤¾ बà¥à¤¾ दी है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यहां चिकितà¥à¤¸à¤•ों का कहना है कि समय पर उपचार नहीं किया गया तो ये लकà¥à¤·à¤£ जीवन को खतरा पहà¥à¤‚चाने वाली सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का रूप ले सकते हैं। 

शिविर में à¤à¤• अनà¥à¤¯ फिजिशियन डा तौसीफ डार ने कहा, ‘ये लकà¥à¤·à¤£ महामारी के पà¥à¤°à¤•ोप का पूरà¥à¤µ लकà¥à¤·à¤£ हैं और ये तथà¥à¤¯ यहां लोगों के कषà¥à¤Ÿ को और बà¥à¤¾ रहे हैं कि हम जीवन रकà¥à¤·à¤• दवाओं की कमी से जूठरहे हैं।’ चिकितà¥à¤¸à¤•ों का कहना है कि शिशॠऔर छोटे बचà¥à¤šà¥‡ इन बीमारियों के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ अधिक संवेदनशील हैं कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि उनकी पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤°à¤•à¥à¤·à¤• पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ रोगाणà¥à¤“ं से निपटने के लिठकाफी कमजोर है।

सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ अखबारों का पà¥à¤°à¤•ाशन नहीं: कशà¥à¤®à¥€à¤° की गà¥à¤°à¥€à¤·à¥à¤®à¤•ालीन राजधानी में बाॠआने के बाद से सà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¥€à¤¯ समाचारपतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤•ाशन नहीं हो रहा है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि अधिकतर अखबारों और सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤•ों के कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ पिछले दस दिनों से पानी में डूबे हà¥à¤ हैं।

मà¥à¤¶à¥à¤¤à¤¾à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤¸ à¤à¤¨à¤•à¥à¤²à¥‡à¤µ में अब भी कई फà¥à¤Ÿ पानी जमा है। इसी कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में कई पà¥à¤°à¤®à¥à¤– अंगेà¥à¤°à¤œà¥€ और उरà¥à¤¦à¥‚ दैनिकों के कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ हैं। à¤à¥‡à¤²à¤® का जलसà¥à¤¤à¤° बà¥à¤¨à¥‡ के बाद सात सितंबर को पानी लाल चौक और आसपास के इलाकों में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ कर गया था। बाद में अबी गà¥à¤œà¤° के पास नदी का बांध भी टूट गया था।

कà¥à¤› ही घंटों बाद पà¥à¤°à¥‡à¤¸ à¤à¤¨à¤•à¥à¤²à¥‡à¤µ सहित कई इलाकों में कई फà¥à¤Ÿ पानी भर गया था जिससे समाचार पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤•ाशन पà¥à¤°à¤­à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हà¥à¤†à¥¤

अधिकतर दैनिक अपने इंटरनेट संसà¥à¤•रणों का संचालन कर रहे हैं लेकिन उनका पà¥à¤°à¤¿à¤‚ट संसà¥à¤•रण कब तक शà¥à¤°à¥‚  à¤¹à¥‹à¤—ा, इस बारे में कोई अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ नहीं है। कशà¥à¤®à¥€à¤° में à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– अंगेà¥à¤°à¤œà¥€ समाचार पतà¥à¤° के à¤à¤• वरिषà¥à¤  अधिकारी ने  à¤•हा, ‘सभी उपकरण डूब गठहैं और हमें फिर शà¥à¤°à¥‚  à¤•रने के पहले उनमें से अधिकतर को बदलना होगा। मेरा अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ है कि हमें नठसिरे से शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ करनी होगी।’

दूसरी ओर कशà¥à¤®à¥€à¤° मॉनीटर के संपादक शमीम मेराज ने दावा किया कि वह नौ दिनों के बाद आज अपने दैनिक का à¤à¤• संसà¥à¤•रण बà¥à¤§à¤µà¤¾à¤° को पà¥à¤°à¤•ाशित करने में सफल रहे। मेराज ने कहा, ‘हम आज संसà¥à¤•रण लाने में कामयाब रहे। लोगों ने समाचारपतà¥à¤° की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को हाथों-हाथ लिया कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि कशà¥à¤®à¥€à¤° में बाॠआने के बाद से कोई अखबार उपलबà¥à¤§ नहीं है।’ 

(भाषा)

आपके विचार