पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को लेकर पहले कई तरह की शंका लोगों के मन में थी. लेकिन पर्यावरण और प्रकृति के प्रति बढ़ती जागरूकता के कारण पारंपरिक चिकित्सा को लेकर लोगों की धारणा बदली है. अब भारत ही नहीं दुनिया के देश इस पारंपरिक चिकित्सा पद्धति को ना सिर्फ अपना रहे हैं, बल्कि इसे प्रोत्साहित करने का काम भी कर रहे हैं. गुजरात के गांधीनगर में आयोजित पारंपरिक चिकित्सा के पहले वैश्विक शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने उक्त बातें कही.
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