नई-शराब-नीति:-सीहोर-में-9.49-प्रतिशत-कम-पर-गई-शराब-दुकानें,-246-करोड़-का-था-लक्ष्य,-223-करोड़-में-हुई-नीलामी
विस्तार राज्य सरकार ने शराब से ज्यादा आय करने के लिए नई शराब (आबकारी) नीति बनाई। इसमें शराब दुकानों की नीलामी में 10 प्रतिशत ज्यादा दर की वृद्धि की गई, लेकिन इस बार सरकार की नई शराब नीति घाटे का सौदा साबित हो गई। यही कारण है कि सीहोर जिले में हमेशा प्लस में जाने वाली शराब दुकानें इस बार कम कीमत पर नीलाम हुईं। सीहोर जिले में तय लक्ष्य 246 करोड़ से करीब 23 करोड़ रुपये कम में शराब दुकानों की नीलामी हुई है। इस बार सीहोर जिले की शराब दुकानें 9.49 प्रतिशत कम दर पर नीलाम की गई हैं।  सरकार ने नई शराब नीति बनाई है। इसमें तय किया गया है कि जिले की शत-प्रतिशत शराब दुकानों में से यदि 70 प्रतिशत शराब दुकानें रिन्यू होंगी तो उन्हें गत वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक की राशि देनी होंगी। सीहोर जिले में करीब 74 प्रतिशत शराब की दुकानों का रिन्यूवल किया गया है। जिले में कुल 22 समूहों की 71 दुकानें हैं। इनमें से 15 शराब की दुकानें ऐसी रहीं, जिनको सरकार को पिछले वर्ष की तुलना में कम कीमत पर नीलाम करना पड़ा। इतनी होनी थी आय, लेकिन नहीं हुई सीहोर जिले के 22 समूहों की 71 शराब दुकानों की नीलामी से आबकारी विभाग ने वर्ष 2023-24 के लिए 2 अरब 46 करोड़ 49 लाख 13 हजार 342 का लक्ष्य तय किया था, लेकिन सरकार को इन शराब दुकानों से कुल 2 अरब 23 करोड़ 11 लाख 74 हजार 19 की राशि मिली है। सीहोर जिले में वर्ष 2022-23 में शराब दुकानों से 0.44 प्रतिशत का घाटा हुआ था, लेकिन इस बार ये घाटा बढ़कर 9.49 प्रतिशत पर पहुंच गया है। यह दुकानें हुईं कम कीमत पर सीहोर जिले के 22 समूहों की 71 शराब दुकानों में से 74  प्रतिशत दुकानें तो हर साल से 10 प्रतिशत अधिक की राशि पर रिन्यू की गई है, लेकिन जिले की आष्टा, नसरूल्लागंज, इछावर तहसील की शराब दुकानों में से करीब 15 दुकानें ऐसी रहीं, जिन्हें कम कीमत पर दिया गया है। इनमें आष्टा शहर का एक ग्रुप 10 प्रतिशत ज्यादा राशि में रिन्यू हुआ, लेकिन एक अन्य ग्रुप कम कीमत पर गया। डोडी की चार शराब दुकानें भी कम कीमत पर गईं। इसी तरह इच्छावर का ग्रुप भी माइनेस में रहा तो वहीं नसरुल्लागंज में भी शराब आवंटित की गई है। दुकानें कम कीमत पर नीलाम हुई हैं। कम कीमत में नीलामी का कारण सरकार ने नई आबकारी नीति में एमएसपी एवं मूल्य के बीच का अंतर भी घटा दिया है, इसके कारण शराब दुकानें संचालित करने वालों को भी इसमें अब ज्यादा लाभ नहीं रहा। सीहोर जिले में जो दुकानें संचालित हो रही हैं वे कम कीमत पर गई हैं। यही कारण है कि जिले की यह शराब दुकानें कम कीमत पर नीलम हुई। टेंडर प्रक्रिया से किया आवंटन इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी कीर्ति दुबे का कहना है कि ओपन टेंडर प्रक्रिया के अनुसार शराब दुकानों का आवंटन किया गया है। जिले में जिन लोगों ने टेंडर डाले थे वे कम कीमत के आए थे उन्हें निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद फिर से टेंडर प्रक्रिया की गई। उनमें जो लोग शामिल हुए थे उन्हें शराब की दुकाने आवंटित की गईं।

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

विस्तार राज्य सरकार ने शराब से ज्यादा आय करने के लिए नई शराब (आबकारी) नीति बनाई। इसमें शराब दुकानों की नीलामी में 10 प्रतिशत ज्यादा दर की वृद्धि की गई, लेकिन इस बार सरकार की नई शराब नीति घाटे का सौदा साबित हो गई। यही कारण है कि सीहोर जिले में हमेशा प्लस में जाने वाली शराब दुकानें इस बार कम कीमत पर नीलाम हुईं। सीहोर जिले में तय लक्ष्य 246 करोड़ से करीब 23 करोड़ रुपये कम में शराब दुकानों की नीलामी हुई है। इस बार सीहोर जिले की शराब दुकानें 9.49 प्रतिशत कम दर पर नीलाम की गई हैं। 

सरकार ने नई शराब नीति बनाई है। इसमें तय किया गया है कि जिले की शत-प्रतिशत शराब दुकानों में से यदि 70 प्रतिशत शराब दुकानें रिन्यू होंगी तो उन्हें गत वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत अधिक की राशि देनी होंगी। सीहोर जिले में करीब 74 प्रतिशत शराब की दुकानों का रिन्यूवल किया गया है। जिले में कुल 22 समूहों की 71 दुकानें हैं। इनमें से 15 शराब की दुकानें ऐसी रहीं, जिनको सरकार को पिछले वर्ष की तुलना में कम कीमत पर नीलाम करना पड़ा।

इतनी होनी थी आय, लेकिन नहीं हुई
सीहोर जिले के 22 समूहों की 71 शराब दुकानों की नीलामी से आबकारी विभाग ने वर्ष 2023-24 के लिए 2 अरब 46 करोड़ 49 लाख 13 हजार 342 का लक्ष्य तय किया था, लेकिन सरकार को इन शराब दुकानों से कुल 2 अरब 23 करोड़ 11 लाख 74 हजार 19 की राशि मिली है। सीहोर जिले में वर्ष 2022-23 में शराब दुकानों से 0.44 प्रतिशत का घाटा हुआ था, लेकिन इस बार ये घाटा बढ़कर 9.49 प्रतिशत पर पहुंच गया है।

यह दुकानें हुईं कम कीमत पर
सीहोर जिले के 22 समूहों की 71 शराब दुकानों में से 74  प्रतिशत दुकानें तो हर साल से 10 प्रतिशत अधिक की राशि पर रिन्यू की गई है, लेकिन जिले की आष्टा, नसरूल्लागंज, इछावर तहसील की शराब दुकानों में से करीब 15 दुकानें ऐसी रहीं, जिन्हें कम कीमत पर दिया गया है। इनमें आष्टा शहर का एक ग्रुप 10 प्रतिशत ज्यादा राशि में रिन्यू हुआ, लेकिन एक अन्य ग्रुप कम कीमत पर गया। डोडी की चार शराब दुकानें भी कम कीमत पर गईं। इसी तरह इच्छावर का ग्रुप भी माइनेस में रहा तो वहीं नसरुल्लागंज में भी शराब आवंटित की गई है। दुकानें कम कीमत पर नीलाम हुई हैं।

कम कीमत में नीलामी का कारण
सरकार ने नई आबकारी नीति में एमएसपी एवं मूल्य के बीच का अंतर भी घटा दिया है, इसके कारण शराब दुकानें संचालित करने वालों को भी इसमें अब ज्यादा लाभ नहीं रहा। सीहोर जिले में जो दुकानें संचालित हो रही हैं वे कम कीमत पर गई हैं। यही कारण है कि जिले की यह शराब दुकानें कम कीमत पर नीलम हुई।

टेंडर प्रक्रिया से किया आवंटन
इस संबंध में जिला आबकारी अधिकारी कीर्ति दुबे का कहना है कि ओपन टेंडर प्रक्रिया के अनुसार शराब दुकानों का आवंटन किया गया है। जिले में जिन लोगों ने टेंडर डाले थे वे कम कीमत के आए थे उन्हें निरस्त कर दिया गया था। इसके बाद फिर से टेंडर प्रक्रिया की गई। उनमें जो लोग शामिल हुए थे उन्हें शराब की दुकाने आवंटित की गईं।

Posted in MP