धर्म-की-शिक्षा-देगी-सरकार,-हर-जिले-में-बनेंगे-गीता-भवन
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Sun, 25 Aug 2024 05: 44 PM IST मुख्यमंत्री मोहन यादव की इंदौर के गीता भवन में बड़ी घोषणा। बच्चों और युवाओं को धर्म से जोड़ने का प्रयास करेगी सरकार। सीएम मोहन यादव - फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर विस्तार Follow Us मध्य प्रदेश के हर जिले में गीता भवन का निर्माण होगा। इसके लिए सरकार हर नगरीय निकाय को बजट जारी करेगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह घोषणा इंदौर के गीता भवन में आयोजित जन्माष्टमी कार्यक्रम में की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे धर्म इतिहास और देश की जानकारी बच्चों तक पहुंचाने के लिए प्रदेश के हर जिले में गीता भवन की स्थापना की जाएगी। इंदौर में स्थापित गीता भवन ने पूरी दुनिया को गीता और धर्म की शिक्षा दी है। इस तरह के केंद्र अब प्रदेश के हर जिले में स्थापित किए जाएंगे। धर्म की स्थापना के लिए बच्चों को शिक्षा दें इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह भी कहा कि कृष्ण जन्माष्टमी हर स्कूल में मनाने का उद्देश्य भी यही है कि बच्चे भगवान कृष्ण के जीवन से शिक्षा लें। जिस तरह भगवान कृष्ण ने कंस की सत्ता को खत्म किया और महाभारत के बाद धर्म की स्थापना की, उसी तरह हमारी युवा पीढ़ी को भी धर्म की स्थापना के लिए आगे आना चाहिए। ग्रंथों, महापुरुषों के सद उपदेश का ज्ञान भी आमजन तक पहुंचेगा मुख्यमंत्री ने कहा इन केंद्रों के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान और हमारे ग्रंथों, महापुरुषों के सद उपदेश का ज्ञान भी आमजन तक पहुंचेगा। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के जीवन के अलग-अलग घटनाक्रमों के वृत्तान्त को बड़े ही रोचक तरीके बताया। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार द्वारा इस तरह के व्याख्यान के माध्यम से आमजन तक भगवान श्री कृष्ण के कर्म प्रधान जीवन की जानकारी पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इस व्याख्यान आयोजन में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक महेंद्र हार्डिया, विधायक गोलू शुक्ला, विधायक मधु वर्मा, विजय दत्त श्रीधर, प्रभुदयाल मिश्र, संभागायुक्त दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह, गौरव रणदिवे, गीता भवन ट्रस्ट इंदौर के अध्यक्ष रामचंद्र एरन, ट्रस्ट के मंत्री रामविलास राठी सहित गणमान्यजन, गीता भवन ट्रस्ट के पदाधिकारी, सदस्य आदि उपस्थित थे। छोटी सी माचिस की तीली की भूमिका में कार्य कर रही सरकार मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदेश भर में भगवान श्री कृष्ण के जीवन पर व्याख्यान आयोजन रखे गए हैं। प्रदेश सरकार इस प्रयास के माध्यम से ज्ञान रूपी दीपक को प्रज्वलित करने वाली छोटी सी तीली की भूमिका में कार्य कर रही है। व्याख्यान के माध्यम से हमारे वरिष्ठ जन हमारे ग्रंथों, महापुरुषों के जीवन और उनके किए गए कार्यों को आमजन तक बेहद ही सहज तरीके से पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा भगवान श्री कृष्ण का पूरा जीवन कर्म पर समर्पित रहा। उन्होंने अलग-अलग लीलाओं के माध्यम से कर्म को प्रधान रखते हुए कर्म को ही धर्म माना। उन्होंने भगवान बुद्ध और उनके शिष्य के संवाद का भी बेहतर ही रोचक तरीके से वृतांत सुनाया। भगवान बुद्ध ने कहा था मृत्यु का कारण जन्म है। पृथ्वी पर जिस भी जीव का जन्म हुआ है उसकी मृत्यु तय है। हम देवताओं की जयंती मनाते हैं क्योंकि उनके द्वारा मनुष्य जन्म में किए गए कर्म पूजनीय है। देवताओं ने भी मनुष्य योनी को अपनाया। पुण्य के संचय हेतु जन्म आवश्यक है। भगवान ने विभिन्न अवतारों में जन्म लेकर मनुष्य जीवन में सुख और दुख के बीच अपने कर्म को महत्ता दी। उन्होंने माता देवकी और वासुदेव, बाबा नंद और माता यशोदा के त्याग को उल्लेख किया। उन्होंने कहा भगवान कृष्ण ने जन्म से लेकर अपने पूरे जीवन में विभिन्न लीलाओं के माध्यम से कर्म प्रधान और पुरुषार्थ जीवन जीया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इन्दौर स्थित गीता भवन ट्रस्ट को हर संभव सहयोग प्रदान करने की बात कही। उन्होंने कहा इंदौर में हर घर कृष्ण हर घर यशोदा की पहल अनूठी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंदिर में भगवान श्री कृष्ण का पूजन कर बांसुरी भेंट की। कार्यक्रम में ट्रस्ट की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. यादव को भगवान श्री कृष्ण एवं राधा जी की प्रतिमा भेंट कर स्वागत किया गया। व्याख्यान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री विजयदत्त श्रीधर ने श्री कृष्ण के भाव, सौंदर्य और प्रेम का समुच्चय विषय पर अपने व्याख्यान में कहा भारतीय संस्कृति के भगवान श्री कृष्ण पुरोधा रहे हैं। उन्होंने श्री कृष्ण के जीवन के अलग-अलग वृतांत जिसमें कृष्ण-अर्जुन द्रोपदी, रुकमणी प्रसंग सुनाते हुए श्री कृष्ण के जीवन के वृतांत को बड़े ही रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने भगवत गीता के श्लोकों और उनके अर्थों को बेहतर सहज तरीके से अपने व्याख्यान के माध्यम से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा यह आयोजन सनातन संस्कृति को जानने, समाज में रचनात्मकता और बेहतर दिशा देने का कार्य करने वाला सिद्ध होगा। कर्म पर सदैव अडिग रहें श्री कृष्णा समग्रता की प्रतिमूर्ति विषय पर प्रभु दयाल मिश्रा ने श्रीमद भगवत गीता के 18 हजार श्लोकों के अंतिम श्लोक को अपने व्याख्यान में समाहित करते हुए कहा एकाग्र भाव से किया गया कर्म ही सार्थक होता है। कर्म के प्रति नियंत्रण होता है लेकिन फल पर नियंत्रण नहीं होता है। उन्होंने कहा कर्म में आनंद की अनुभूति होना चाहिए, क्योंकि कर्म करने की भूमिका में आनंद होता है। क्योंकि भगवान श्री कृष्ण ने कर्म को ही धर्म माना। व्यक्ति को कर्म पर सदैव अडिग रहना चाहिए। आभार ट्रस्ट के राठी ने माना।  रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India 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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: अर्जुन रिछारिया Updated Sun, 25 Aug 2024 05: 44 PM IST

मुख्यमंत्री मोहन यादव की इंदौर के गीता भवन में बड़ी घोषणा। बच्चों और युवाओं को धर्म से जोड़ने का प्रयास करेगी सरकार। सीएम मोहन यादव – फोटो : अमर उजाला, डिजिटल, इंदौर

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मध्य प्रदेश के हर जिले में गीता भवन का निर्माण होगा। इसके लिए सरकार हर नगरीय निकाय को बजट जारी करेगी। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह घोषणा इंदौर के गीता भवन में आयोजित जन्माष्टमी कार्यक्रम में की। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे धर्म इतिहास और देश की जानकारी बच्चों तक पहुंचाने के लिए प्रदेश के हर जिले में गीता भवन की स्थापना की जाएगी। इंदौर में स्थापित गीता भवन ने पूरी दुनिया को गीता और धर्म की शिक्षा दी है। इस तरह के केंद्र अब प्रदेश के हर जिले में स्थापित किए जाएंगे।

धर्म की स्थापना के लिए बच्चों को शिक्षा दें

इस मौके पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह भी कहा कि कृष्ण जन्माष्टमी हर स्कूल में मनाने का उद्देश्य भी यही है कि बच्चे भगवान कृष्ण के जीवन से शिक्षा लें। जिस तरह भगवान कृष्ण ने कंस की सत्ता को खत्म किया और महाभारत के बाद धर्म की स्थापना की, उसी तरह हमारी युवा पीढ़ी को भी धर्म की स्थापना के लिए आगे आना चाहिए।

ग्रंथों, महापुरुषों के सद उपदेश का ज्ञान भी आमजन तक पहुंचेगा
मुख्यमंत्री ने कहा इन केंद्रों के माध्यम से आध्यात्मिक ज्ञान और हमारे ग्रंथों, महापुरुषों के सद उपदेश का ज्ञान भी आमजन तक पहुंचेगा। उन्होंने भगवान श्री कृष्ण के जीवन के अलग-अलग घटनाक्रमों के वृत्तान्त को बड़े ही रोचक तरीके बताया। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार द्वारा इस तरह के व्याख्यान के माध्यम से आमजन तक भगवान श्री कृष्ण के कर्म प्रधान जीवन की जानकारी पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इस व्याख्यान आयोजन में जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक महेंद्र हार्डिया, विधायक गोलू शुक्ला, विधायक मधु वर्मा, विजय दत्त श्रीधर, प्रभुदयाल मिश्र, संभागायुक्त दीपक सिंह, पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता, कलेक्टर आशीष सिंह, गौरव रणदिवे, गीता भवन ट्रस्ट इंदौर के अध्यक्ष रामचंद्र एरन, ट्रस्ट के मंत्री रामविलास राठी सहित गणमान्यजन, गीता भवन ट्रस्ट के पदाधिकारी, सदस्य आदि उपस्थित थे।

छोटी सी माचिस की तीली की भूमिका में कार्य कर रही सरकार
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा श्री कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदेश भर में भगवान श्री कृष्ण के जीवन पर व्याख्यान आयोजन रखे गए हैं। प्रदेश सरकार इस प्रयास के माध्यम से ज्ञान रूपी दीपक को प्रज्वलित करने वाली छोटी सी तीली की भूमिका में कार्य कर रही है। व्याख्यान के माध्यम से हमारे वरिष्ठ जन हमारे ग्रंथों, महापुरुषों के जीवन और उनके किए गए कार्यों को आमजन तक बेहद ही सहज तरीके से पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा भगवान श्री कृष्ण का पूरा जीवन कर्म पर समर्पित रहा। उन्होंने अलग-अलग लीलाओं के माध्यम से कर्म को प्रधान रखते हुए कर्म को ही धर्म माना। उन्होंने भगवान बुद्ध और उनके शिष्य के संवाद का भी बेहतर ही रोचक तरीके से वृतांत सुनाया। भगवान बुद्ध ने कहा था मृत्यु का कारण जन्म है। पृथ्वी पर जिस भी जीव का जन्म हुआ है उसकी मृत्यु तय है। हम देवताओं की जयंती मनाते हैं क्योंकि उनके द्वारा मनुष्य जन्म में किए गए कर्म पूजनीय है। देवताओं ने भी मनुष्य योनी को अपनाया। पुण्य के संचय हेतु जन्म आवश्यक है। भगवान ने विभिन्न अवतारों में जन्म लेकर मनुष्य जीवन में सुख और दुख के बीच अपने कर्म को महत्ता दी। उन्होंने माता देवकी और वासुदेव, बाबा नंद और माता यशोदा के त्याग को उल्लेख किया। उन्होंने कहा भगवान कृष्ण ने जन्म से लेकर अपने पूरे जीवन में विभिन्न लीलाओं के माध्यम से कर्म प्रधान और पुरुषार्थ जीवन जीया। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इन्दौर स्थित गीता भवन ट्रस्ट को हर संभव सहयोग प्रदान करने की बात कही। उन्होंने कहा इंदौर में हर घर कृष्ण हर घर यशोदा की पहल अनूठी है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने मंदिर में भगवान श्री कृष्ण का पूजन कर बांसुरी भेंट की। कार्यक्रम में ट्रस्ट की ओर से मुख्यमंत्री डॉ. यादव को भगवान श्री कृष्ण एवं राधा जी की प्रतिमा भेंट कर स्वागत किया गया।

व्याख्यान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री विजयदत्त श्रीधर ने श्री कृष्ण के भाव, सौंदर्य और प्रेम का समुच्चय विषय पर अपने व्याख्यान में कहा भारतीय संस्कृति के भगवान श्री कृष्ण पुरोधा रहे हैं। उन्होंने श्री कृष्ण के जीवन के अलग-अलग वृतांत जिसमें कृष्ण-अर्जुन द्रोपदी, रुकमणी प्रसंग सुनाते हुए श्री कृष्ण के जीवन के वृतांत को बड़े ही रोचक तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने भगवत गीता के श्लोकों और उनके अर्थों को बेहतर सहज तरीके से अपने व्याख्यान के माध्यम से प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा यह आयोजन सनातन संस्कृति को जानने, समाज में रचनात्मकता और बेहतर दिशा देने का कार्य करने वाला सिद्ध होगा।

कर्म पर सदैव अडिग रहें
श्री कृष्णा समग्रता की प्रतिमूर्ति विषय पर प्रभु दयाल मिश्रा ने श्रीमद भगवत गीता के 18 हजार श्लोकों के अंतिम श्लोक को अपने व्याख्यान में समाहित करते हुए कहा एकाग्र भाव से किया गया कर्म ही सार्थक होता है। कर्म के प्रति नियंत्रण होता है लेकिन फल पर नियंत्रण नहीं होता है। उन्होंने कहा कर्म में आनंद की अनुभूति होना चाहिए, क्योंकि कर्म करने की भूमिका में आनंद होता है। क्योंकि भगवान श्री कृष्ण ने कर्म को ही धर्म माना। व्यक्ति को कर्म पर सदैव अडिग रहना चाहिए। आभार ट्रस्ट के राठी ने माना। 

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