इन सांसदों ने किया विधेयक का विरोध
शिवसेना (यूबीटी) के विनायक राउत ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इस विधेयक के माध्यम से यहां ‘लोकतंत्र की हत्या’ की शुरुआत हो गयी है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में विधानसभा है, यहां जनता विधायक चुनती है, मुख्यमंत्री निर्वाचित करती है, मंत्री निर्वाचित करती है, ऐसे में यह विधेयक असंवैधानिक है. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के ए एम मारिफ ने कहा कि दिल्ली में गैर-भाजपा सरकार है इसलिए केंद्र सरकार यहां अपना नियंत्रण चाहती है. एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि इस विधेयक को लाकर ‘दिनदहाड़े संवैधानिक धोखाधड़ी’ की जा रही है. कांग्रेस के कार्ति चिदंबरम ने कहा कि मणिपुर जल रहा है, वहां जातीय हिंसा हो रही है, लेकिन यह सरकार वहां हस्तक्षेप नहीं कर रही. उन्होंने कहा कि लेकिन यह सरकार दिल्ली सरकार के कामकाज में अवरोध डाल रही है. चर्चा में भाग लेते हुए इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के सांसद अब्दुस्समद समदानी ने कहा कि दिल्ली से जुड़ा विधेयक गलत नीयत से लाया गया है और यह ‘नकारात्मक विधेयक’ संविधान के खिलाफ है.
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