'चीन-और-पाकिस्तान-के-लिए-भारत-तैयार',-नौसेना-प्रमुख-ने-बताया-क्यों-बढ़ाई-गई-समुद्री-सीमाओं-की-सुरक्षा
Indian Navy : भारत अपनी सीमाओं पर हमेशा तैनात रहा है. इसी क्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शुक्रवार को कहा कि चीन और पाकिस्तान पर हमारी पैनी नजर बनी हुई है. जमीनी सीमाओं के साथ-साथ समुद्री सीमाओं पर भी भारत अपनी पकड़ बनाए हुए है. जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में चीन की लगातार बढ़ती नौसैनिक उपस्थिति के साथ-साथ पाकिस्तान के साथ समुद्री क्षेत्र में उसकी बढ़ती मिलीभगत का मुकाबला करने के लिए भारत तैयार है और अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए विकास समाबंधी योजनाओं पर लगातार काम कर रहा है. बता दें कि 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाने वाला है. इससे पहले बोलते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि पाकिस्तान चीन की मदद से अपनी नौसेना को आज की स्थिति से बढ़ाकर 50-प्लेटफॉर्म बल तक करने पर भी विचार कर रहा है. हम इस पर कब्ज़ा कर चुके हैं. इन विकासों को देखते हुए, हम अपनी योजनाओं और क्षमता-विकास कार्यक्रमों को लगातार संशोधित करते हैं. जहाज, विमान, पनडुब्बी और ड्रोन तैनात किए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं की पृष्ठभूमि में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शुक्रवार को कहा कि इस क्षेत्र में विवादों के नियंत्रण से बाहर होने और संघर्ष में बदलने की आशंका है. उन्होंने चार दिसंबर को नौसेना दिवस से पहले पत्रकार वार्ता में यह भी कहा कि भारत, हिंद महासागर में चीनी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रहा है और सुरक्षा बल ने अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए निगरानी उपकरण, जहाज, विमान, पनडुब्बी और ड्रोन तैनात किए हैं. गतिविधि पता करने की कोशिश हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की गतिविधियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम क्षेत्र में मौजूद अतिरिक्त-क्षेत्रीय ताकतों पर नजर रखने की कोशिश करते हैं ताकि हमें पता चल सके कि उनकी गतिविधियां क्या हैं और इरादे क्या हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यही कारण है कि हम अपने निगरानी उपकरणों और जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों, यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन) आदि को तैनात करते हैं. उन्हें क्षेत्र में निगरानी रखने के लिए नियमित रूप से तैनात किया जाता है ताकि हम वहां होने वाली सभी घटनाओं से अवगत रहें.’ 'क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखे' हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर नौसेना प्रमुख ने कहा कि सभी समान विचारधारा वाले देशों को क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हम जो देखते हैं - विवाद हैं. इन विवादों के नियंत्रण से बाहर होने या बढ़ने की आशंका है और फिर ये संघर्ष में बदल सकते हैं.’ एडमिरल कुमार ने कहा कि वार्ता यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि ‘हम नियम-आधारित दृष्टिकोण के आधार पर महासागरों के इस्तेमाल के लिए काम करने के अलावा क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखे.’ लक्ष्य 2035 तक 170 जहाजों वाली नौसेना बनने का नौसेना प्रमुख ने कहा कि सभी समान विचारधारा वाले देशों को स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत की दिशा में एकजुट होकर काम करना चाहिए, क्योंकि कोई भी ताकत अकेले क्षेत्र में चुनौतियों से नहीं निपट सकती. उन्होंने कहा कि महासागरों का इस्तेमाल किसी भी राष्ट्र की वैध आर्थिक आकांक्षाओं के लिए किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘चीन के पास आर्थिक गतिविधियों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूद रहने का एक वैध कारण हो सकता है. लेकिन, हिंद महासागर क्षेत्र में क्षेत्रीय नौसैनिक शक्ति के रूप में, वहां क्या हो रहा है, इस पर नजर रखना जरूरी है.’ उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्ध है. नौसेना प्रमुख ने कहा कि उनके बल का लक्ष्य 2035 तक 170 जहाजों वाली नौसेना बनने का है. Indian NavyHindi NewsPublished Date Sat, Dec 2, 2023, 10: 11 AM IST

You can share this post!

Related News

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Indian Navy : भारत अपनी सीमाओं पर हमेशा तैनात रहा है. इसी क्रम में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शुक्रवार को कहा कि चीन और पाकिस्तान पर हमारी पैनी नजर बनी हुई है. जमीनी सीमाओं के साथ-साथ समुद्री सीमाओं पर भी भारत अपनी पकड़ बनाए हुए है. जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में चीन की लगातार बढ़ती नौसैनिक उपस्थिति के साथ-साथ पाकिस्तान के साथ समुद्री क्षेत्र में उसकी बढ़ती मिलीभगत का मुकाबला करने के लिए भारत तैयार है और अपनी क्षमता को बढ़ाने के लिए विकास समाबंधी योजनाओं पर लगातार काम कर रहा है.

बता दें कि 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाने वाला है. इससे पहले बोलते हुए नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि पाकिस्तान चीन की मदद से अपनी नौसेना को आज की स्थिति से बढ़ाकर 50-प्लेटफॉर्म बल तक करने पर भी विचार कर रहा है. हम इस पर कब्ज़ा कर चुके हैं. इन विकासों को देखते हुए, हम अपनी योजनाओं और क्षमता-विकास कार्यक्रमों को लगातार संशोधित करते हैं.

जहाज, विमान, पनडुब्बी और ड्रोन तैनात किए

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य आक्रामकता पर बढ़ती वैश्विक चिंताओं की पृष्ठभूमि में नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने शुक्रवार को कहा कि इस क्षेत्र में विवादों के नियंत्रण से बाहर होने और संघर्ष में बदलने की आशंका है. उन्होंने चार दिसंबर को नौसेना दिवस से पहले पत्रकार वार्ता में यह भी कहा कि भारत, हिंद महासागर में चीनी गतिविधियों पर बारीकी से नजर रख रहा है और सुरक्षा बल ने अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए निगरानी उपकरण, जहाज, विमान, पनडुब्बी और ड्रोन तैनात किए हैं.

गतिविधि पता करने की कोशिश

हिंद महासागर क्षेत्र में चीन की गतिविधियों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, ‘हम क्षेत्र में मौजूद अतिरिक्त-क्षेत्रीय ताकतों पर नजर रखने की कोशिश करते हैं ताकि हमें पता चल सके कि उनकी गतिविधियां क्या हैं और इरादे क्या हैं.’ उन्होंने कहा, ‘यही कारण है कि हम अपने निगरानी उपकरणों और जहाजों, पनडुब्बियों, विमानों, यूएवी (मानव रहित हवाई वाहन) आदि को तैनात करते हैं. उन्हें क्षेत्र में निगरानी रखने के लिए नियमित रूप से तैनात किया जाता है ताकि हम वहां होने वाली सभी घटनाओं से अवगत रहें.’

‘क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखे’

हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर नौसेना प्रमुख ने कहा कि सभी समान विचारधारा वाले देशों को क्षेत्र में शांति और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हम जो देखते हैं – विवाद हैं. इन विवादों के नियंत्रण से बाहर होने या बढ़ने की आशंका है और फिर ये संघर्ष में बदल सकते हैं.’ एडमिरल कुमार ने कहा कि वार्ता यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि ‘हम नियम-आधारित दृष्टिकोण के आधार पर महासागरों के इस्तेमाल के लिए काम करने के अलावा क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखे.’

लक्ष्य 2035 तक 170 जहाजों वाली नौसेना बनने का

नौसेना प्रमुख ने कहा कि सभी समान विचारधारा वाले देशों को स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत की दिशा में एकजुट होकर काम करना चाहिए, क्योंकि कोई भी ताकत अकेले क्षेत्र में चुनौतियों से नहीं निपट सकती. उन्होंने कहा कि महासागरों का इस्तेमाल किसी भी राष्ट्र की वैध आर्थिक आकांक्षाओं के लिए किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘चीन के पास आर्थिक गतिविधियों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में मौजूद रहने का एक वैध कारण हो सकता है. लेकिन, हिंद महासागर क्षेत्र में क्षेत्रीय नौसैनिक शक्ति के रूप में, वहां क्या हो रहा है, इस पर नजर रखना जरूरी है.’ उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना सरकार के ‘आत्मनिर्भर भारत’ दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्ध है. नौसेना प्रमुख ने कहा कि उनके बल का लक्ष्य 2035 तक 170 जहाजों वाली नौसेना बनने का है.

Indian NavyHindi NewsPublished Date

Sat, Dec 2, 2023, 10: 11 AM IST