1) पी वीरमुथुवेल, प्रोजेक्ट डायरेक्टर
इसरो के सैकड़ों वैज्ञानिकों ने चंद्रमा पर लैंडिंग को संभव बनाने के लिए पर्दे के पीछे से काम किया है. जिसमें सबसे प्रमुख नाम है इस प्रोजेक्ट के डायरेक्टर पी वीरमुथुवेल का. तमिलनाडु के विल्लुपुरम क्षेत्र के मूल निवासी, वीरमुथुवेल 2014 में इसरो में शामिल हुए. बता दें कि पी वीरमुथुवेल एक पूर्व रेलवे कर्मचारी के बेटे है. इन्होंने कई इसरो सेंटर के साथ समन्वय बैठाया है और चंद्रयान -3 को एक साथ लाने के पूरे मिशन के प्रभारी रहे हैं. बता दें कि 14 जुलाई को एलवीएम 3 रॉकेट द्वारा चंद्रयान -3 के लॉन्चिंग के बाद से वीरमुथुवेल और उनके चंद्रमा की 3,84,000 किलोमीटर की यात्रा पर अंतरिक्ष यान के स्वास्थ्य और संचालन की लगातार निगरानी करने के लिए वैज्ञानिकों की टीम इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क सेंटर (ISTRAC) के मिशन नियंत्रण कक्ष में मौजूद है. वीरमुथुवेल और उनकी टीम ने चंद्रयान 3 अंतरिक्ष यान की कई कक्षाओं को ऊपर उठाने और कम करने की प्रक्रिया का निरीक्षण किया है, जो इसे 23 अगस्त को 5.47 बजे सतह पर आखिरी लैंडिंग से पहले चंद्रमा की कक्षा में ले गया है. चंद्रयान के उतरने के अंतिम 17 मिनट में, वीरमुथुवेल की टीम केवल कार्यवाही देख पाएगी क्योंकि अंतरिक्ष यान उतरने के लिए स्वायत्त रूप से कार्य करेगा. बता दें कि वीरमुथुवेल ने 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान -3 के सफल लॉन्चिंग के बाद कहा था कि सबसे प्रतीक्षित सॉफ्ट लैंडिंग के लिए चंद्रमा पर हमारी यात्रा अब शुरू हो गई है. हम ISTRAC बेंगलुरु से अंतरिक्ष यान की बारीकी से निगरानी और नियंत्रण करेंगे.
Comments