कोयला खदान निगरानी और प्रबंधन प्रणाली (सीएमएसएमएस) ने गांधीनगर स्थित भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस एप्लीकेशन एंड जियोइंफॉर्मेटिक्स और रांची स्थित सीएमपीडीआई के सहयोग से खनन प्रहरी एप विकसित किया है.
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नयी दिल्ली, अंजनी सिंह : कोयला खदान निगरानी और प्रबंधन प्रणाली (सीएमएसएमएस) ने गांधीनगर स्थित भास्कराचार्य इंस्टीट्यूट ऑफ स्पेस एप्लीकेशन एंड जियोइंफॉर्मेटिक्स और रांची स्थित सीएमपीडीआई के सहयोग से खनन प्रहरी एप विकसित किया है. अवैध कोयला खनन पर्यावरण के साथ ही लोगों के जीवन और अर्थव्यवस्था के लिए गंभीर खतरा पैदा कर रहा है. अब तक खनन प्रहरी मोबाइल एप पर कुल 483 शिकायतें दर्ज की गयी है, जिसमें से 78 शिकायत सही पायी गयी और इसके आधार पर सख्त कार्रवाई की गयी.
अवैध कोयला खनन को रोकने में मदद मिल रही
इस एप के कारण अवैध कोयला खनन को रोकने में मदद मिल रही है. खनन प्रहरी मोबाइल एप एंड्रॉयड-आधारित मोबाइल फोन के लिए गूगल के प्ले स्टोर और आईओएस-समर्थित आईफोन के लिए एप्पल स्टोर पर डाउनलोड किया जा सकता है. इस एप के जरिये अवैध खनन की घटना तस्वीरें लेकर और घटना पर अपनी राय देकर दी जा सकती है. एप पर जीपीएस लोकेशन के साथ ही तस्वीरों की जियो टैगिंग की सुविधा उपलब्ध है. खास बात है कि शिकायत करने वाले की पहचान को गोपनीय रखा जाता है और शिकायतकर्ता अपनी शिकायत की स्थिति को एप पर देख सकता है.
देश में कोयले का अवैध खनन एक बड़ी समस्या
गौरतलब है कि देश में कोयले का अवैध खनन एक बड़ी समस्या है. अवैध खनन का कारोबार हजारों करोड़ रुपये का है और इसके कारण हर साल कई लोगों को जान भी गंवानी पड़ती है. इस अवैध खनन पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने खनन प्रहरी एप शुरू किया ताकि आम लोग अवैध खनन की जियो-टैग तस्वीरों और सूचना देकर इसपर रोक लगाने में मदद कर सकें.
Coal IndiacoalPublished Date
Thu, Aug 24, 2023, 8: 45 PM IST
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