क्या-afspa-कानून?-हिमंत-विश्व-शर्मा-2023-के-आखिर-तक-असम-से-खत्म-करने-का-किया-ऐलान
असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर राज्य के लोगों के लिए बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा, सरकार का लक्ष्य 2023 के आखिर तक सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को पूरी तरह से वापस लेना है. असम के 8 जिलों में लागू है AFSPA 77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा, उनकी सरकार सत्ता में आने के बाद अब राज्य में केवल 8 जिलों में ही AFSPA लागू है. उन्होंने आगे कहा, हमारी सरकार का लक्ष्य इस साल के अंत तक राज्य से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को पूरी तरह से वापस लेना है. पिछली सरकारों ने केंद्र से AFSPA को 62 बार बढ़ाने का अनुरोध किया था. उनके कार्यकाल के दौरान विद्रोही समूहों के साथ चार शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. उन्होंने आगे कहा, उनकी सरकार राज्य को ड्रग्स मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है. क्या है AFSPA AFSPA कानून के जरिए सैनिकों को कई विशेषाधिकार दिए जाते हैं. इसमें किसी को बिना वॉरेंट के गिरफ्तार करना, संदिग्ध के घर में घुसकर जांच करना, पहली चेतावनी के बाद भी अगर संदिग्ध नहीं माने तो उसपर गोली चलाने का भी अधिकार सेना के पास है. गोली चलाने के लिए किसी के आदेश का इतंजार नहीं करना. अगर उस गोली से किसी की मौत होती भी है तो भी सेना के जवान पर हत्या का मुकदमा नहीं चलेगा. अगर राज्य सरकार एफआईआर दर्ज करती है तो कोर्ट में उसकी सुनवाई के लिए केंद्र सरकार की इजाजत लेनी होती है. अभी किन किन जगहों पर लागू है AFSPA AFSPA को पूर्वोत्तर के कई राज्यों समेत पंजाब, चडीगढ़ और जम्मू कश्मीर में लागू किया जा चुका है. पूर्वोत्तर में असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नगालैंड में इसे लागू किया गया था लेकिन अब कई क्षेत्रों से इसे हटा दिया गया है. फिलहाल ये कानू जम्मू-कश्मीर, नगालैंड, मणिपुर( राजधानी इम्फाल के 7 क्षेत्रों को छोड़कर) असम, और अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में लागू किया गया है. असम सभी विधानसभा क्षेत्रों में उप जिलों का गठन करेगा: हिमंत मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि असम सरकार लोगों की सहूलियत के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में ‘उप जिला’ बनायेगी. 77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण करते हुए शर्मा ने यह भी कहा कि उनकी सरकार परिसीमन शुरू होने से पहले खत्म कर दिये जिलों के बारे में भी फैसला करेगी. उन्होंने कहा, हमने परिसीमन को हकीकत के रूप में स्वीकार किया है. निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन को तार्किक परिणति तक ले जाने के लिए निकट भविष्य में कई चीजें की जानी हैं. हिमंत विश्व शर्मा ने सभी निर्वाचन क्षेत्र में एक उप जिला बनाने का किया ऐलान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अगले एक महीने में प्रशासनिक सुधारों की शृंखला शुरू करेगी. उन्होंने कहा, हम हर निर्वाचन क्षेत्र में सभी अवसंरचना के साथ एक उप जिला बनायेंगे. एक अतिरिक्त उपायुक्त उसकी अगुवाई करेगा. यह लोगों की सहूलियत के लिए किया जाएगा और बमुश्किल ही किसी को जिला मुख्यालय जाने की जरूरत होगी. उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस प्रशासनिक सुधार से नये उपसंभागों तथा जिलों की मांग को लेकर प्रदर्शनों समेत कई समस्याओं का अंत हो जाएगा. उन्होंने कहा, जिन जिलों को परिसीमन से पहले खत्म कर दिया गया, उनके बारे में अगले दो महीने में फैसला किया जाएगा. असम मंत्रिमंडल ने चार जिलों को उनके मूल जिलों में मिलाने का लिया गया फैसला असम मंत्रिमंडल ने 31 दिसंबर, 2022 को चार जिलों को उनके मूल जिलों में मिलाने का फैसला किया था. विश्वनाथ को सोनितपुर के साथ, होजाई को नगांव के साथ, तामुलपुर को बक्सा के साथ और बजली को बारपेटा के साथ मिला दिया गया. जिलों के विलय का निर्णय निर्वाचन आयोग द्वारा 1 जनवरी, 2023 से असम में नई प्रशासनिक इकाइयां बनाने पर प्रतिबंध लगाने से ठीक एक दिन पहले लिया गया था, क्योंकि आयोग राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन की कवायद शुरू करने वाला था. AssamPublished Date Tue, Aug 15, 2023, 8: 16 PM IST

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असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने स्वतंत्रता दिवस के खास मौके पर राज्य के लोगों के लिए बड़ी घोषणा की है. उन्होंने कहा, सरकार का लक्ष्य 2023 के आखिर तक सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को पूरी तरह से वापस लेना है.

असम के 8 जिलों में लागू है AFSPA

77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने कहा, उनकी सरकार सत्ता में आने के बाद अब राज्य में केवल 8 जिलों में ही AFSPA लागू है. उन्होंने आगे कहा, हमारी सरकार का लक्ष्य इस साल के अंत तक राज्य से सशस्त्र बल विशेष अधिकार अधिनियम (AFSPA) को पूरी तरह से वापस लेना है. पिछली सरकारों ने केंद्र से AFSPA को 62 बार बढ़ाने का अनुरोध किया था. उनके कार्यकाल के दौरान विद्रोही समूहों के साथ चार शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए गए. उन्होंने आगे कहा, उनकी सरकार राज्य को ड्रग्स मुक्त और भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए प्रतिबद्ध है.

क्या है AFSPA

AFSPA कानून के जरिए सैनिकों को कई विशेषाधिकार दिए जाते हैं. इसमें किसी को बिना वॉरेंट के गिरफ्तार करना, संदिग्ध के घर में घुसकर जांच करना, पहली चेतावनी के बाद भी अगर संदिग्ध नहीं माने तो उसपर गोली चलाने का भी अधिकार सेना के पास है. गोली चलाने के लिए किसी के आदेश का इतंजार नहीं करना. अगर उस गोली से किसी की मौत होती भी है तो भी सेना के जवान पर हत्या का मुकदमा नहीं चलेगा. अगर राज्य सरकार एफआईआर दर्ज करती है तो कोर्ट में उसकी सुनवाई के लिए केंद्र सरकार की इजाजत लेनी होती है.

अभी किन किन जगहों पर लागू है AFSPA

AFSPA को पूर्वोत्तर के कई राज्यों समेत पंजाब, चडीगढ़ और जम्मू कश्मीर में लागू किया जा चुका है. पूर्वोत्तर में असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, मिजोरम, नगालैंड में इसे लागू किया गया था लेकिन अब कई क्षेत्रों से इसे हटा दिया गया है. फिलहाल ये कानू जम्मू-कश्मीर, नगालैंड, मणिपुर( राजधानी इम्फाल के 7 क्षेत्रों को छोड़कर) असम, और अरुणाचल प्रदेश के कुछ इलाकों में लागू किया गया है.

असम सभी विधानसभा क्षेत्रों में उप जिलों का गठन करेगा: हिमंत

मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने मंगलवार को कहा कि असम सरकार लोगों की सहूलियत के लिए हर विधानसभा क्षेत्र में ‘उप जिला’ बनायेगी. 77 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ध्वजारोहण करते हुए शर्मा ने यह भी कहा कि उनकी सरकार परिसीमन शुरू होने से पहले खत्म कर दिये जिलों के बारे में भी फैसला करेगी. उन्होंने कहा, हमने परिसीमन को हकीकत के रूप में स्वीकार किया है. निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्गठन को तार्किक परिणति तक ले जाने के लिए निकट भविष्य में कई चीजें की जानी हैं.

हिमंत विश्व शर्मा ने सभी निर्वाचन क्षेत्र में एक उप जिला बनाने का किया ऐलान

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अगले एक महीने में प्रशासनिक सुधारों की शृंखला शुरू करेगी. उन्होंने कहा, हम हर निर्वाचन क्षेत्र में सभी अवसंरचना के साथ एक उप जिला बनायेंगे. एक अतिरिक्त उपायुक्त उसकी अगुवाई करेगा. यह लोगों की सहूलियत के लिए किया जाएगा और बमुश्किल ही किसी को जिला मुख्यालय जाने की जरूरत होगी. उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस प्रशासनिक सुधार से नये उपसंभागों तथा जिलों की मांग को लेकर प्रदर्शनों समेत कई समस्याओं का अंत हो जाएगा. उन्होंने कहा, जिन जिलों को परिसीमन से पहले खत्म कर दिया गया, उनके बारे में अगले दो महीने में फैसला किया जाएगा.

असम मंत्रिमंडल ने चार जिलों को उनके मूल जिलों में मिलाने का लिया गया फैसला

असम मंत्रिमंडल ने 31 दिसंबर, 2022 को चार जिलों को उनके मूल जिलों में मिलाने का फैसला किया था. विश्वनाथ को सोनितपुर के साथ, होजाई को नगांव के साथ, तामुलपुर को बक्सा के साथ और बजली को बारपेटा के साथ मिला दिया गया. जिलों के विलय का निर्णय निर्वाचन आयोग द्वारा 1 जनवरी, 2023 से असम में नई प्रशासनिक इकाइयां बनाने पर प्रतिबंध लगाने से ठीक एक दिन पहले लिया गया था, क्योंकि आयोग राज्य में निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन की कवायद शुरू करने वाला था.

AssamPublished Date

Tue, Aug 15, 2023, 8: 16 PM IST