समूह-20 का कोई स्थायी सचिवालय या सदस्य नहीं होता है. इसकी बजाय समूह की अध्यक्षता हर वर्ष इसके सदस्य देशों के बीच बदलती रहती है. इसके 19 सदस्य देश कम से कम चार सदस्यों वाले पांच समूहों में विभाजित हैं. समूह का 20वां सदस्य- यूरोपीय संघ- किसी भी समूह में शामिल नहीं है. प्रत्येक वर्ष अलग समूह के किसी देश को जी-20 की अध्यक्षता मिलती है. जी-20 की अध्यक्षता के तहत एक वर्ष तक इस समूह के लिए निर्धारित एजेंडे के तहत कार्य किया जाता है और शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाता है. यह सब कार्य दूसरे सदस्यों की सलाह और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास को देखते हुए किया जाता है. इस तरह की संरचना है ग्रुप ऑफ ट्वेंटी की ग्रुप ऑफ ट्वेंटी दो ट्रैकों में बंटा हुआ है- फाइनेंस ट्रैक और शेरपा ट्रैक. वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गर्वनर वित्त ट्रैक का नेतृत्व करते हैं, जबकि शेरपा ट्रैक का नेतृत्व शेरपा करते हैं. इन्हीं दोनों ट्रैकों के भीतर कार्य समूह हैं, जिनमें सदस्यों के संबंधित मंत्रालयों के साथ-साथ आमंत्रित/ अतिथि देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं. ये कार्य समूह प्रत्येक अध्यक्षता के पूरे कार्यकाल में नियमित बैठकें करते हैं. इन दोनों ट्रैकों के अतिरिक्त, ऐसे संपर्क व सहभागी समूह भी हैं, जो जी-20 देशों के नागरिकों, नागरिक समाजों, सांसदों, थिंक टैंकों, महिलाओं, युवा, श्रमिकों, व्यवसायों व शोधकर्ताओं को एक साथ लाते हैं. जो देश वर्तमान में जी-20 की अध्यक्षता करता है, वह पिछले और अगले अध्यक्ष पद ग्रहण करने वाले देश के साथ मिलकर 'ट्रोइका' बनाता है, ताकि इस समूह की कार्य सूची, यानी एजेंडे की निरंतरता बनी रहे. वर्तमान में इंडोनेशिया (2022), भारत (2023) और ब्राजील (2024) ट्रोइका देश हैं. शेरपा पक्ष की ओर से जी-20 के एजेंडे और कार्यों का समन्वय सदस्य देशों के प्रतिनिधियों, जिन्हें शेरपा कहा जाता है, द्वारा किया जाता है. ये शेरपा वर्ष के दौरान हुई वार्ता का निरीक्षण करते हैं, शिखर सम्मेलन के लिए कार्य सूची की विषय-वस्तु पर चर्चा करते हैं और जी-20 के मूलभूत कार्य का समन्वय करते हैं. इनके कार्य मुख्य रूप से कृषि, भ्रष्टाचार-विरोधी, जलवायु, डिजिटल अर्थव्यवस्था, शिक्षा, रोजगार, ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, पर्यटन, व्यापार और निवेश जैसे सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित होते हैं. इन मुद्दों से जुड़े हुए जी-20 के कार्य समूहों के साथ मिलकर शेरपा काम करते हैं. इस ट्रैक के प्रमुख आम तौर पर वर्ष में चार बार बैठकें करते हैं, जिनमें से दो बैठकें विश्व बैंक/ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की बैठकों से इतर आयोजित की जाती हैं. इस ट्रैक का कार्य मुख्य रूप से वैश्विक अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय नियमन, वित्तीय समावेशन, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना और अंतरराष्ट्रीय कराधान जैसे वित्तीय और मौद्रिक नीतियों से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित रहता है. ट्रोइका, समूह-20 के भीतर एक शीर्ष समूह को संदर्भित करता है जिसमें बीते, वर्तमान और आगामी वर्ष में अध्यक्ष पद को सुशोभित करने वाले देश शामिल होते हैं. चार रंगों से मिलकर बना है लोगो जी-20 लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों- केसरिया, सफेद और हरे, एवं नीले रंग से मिलकर बना है. इसमें भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल को पृथ्वी के साथ प्रस्तुत किया गया है जो चुनौतियों के बीच विकास को दर्शाता है. वहीं पृथ्वी, जीवन के प्रति भारत के पर्यावरण अनुकूल दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसका प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य है. लोगो के नीचे देवनागरी लिपि में भारत, 2023, और अंग्रेजी में इंडिया लिखा है. भारत के जी-20 अध्यक्षता का विषय है 'वसुधैव कुटुंबकम.' विषय के नीचे वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ समझाते हुए अंग्रेजी में लिखा है 'वन अर्थ. वन फैमिली. वन फ्यूचर.' यानी, 'एक पृथ्वी. एक कुटुंब. एक भविष्य.' यह विषय सभी प्रकार के जीवन मूल्यों- मानव, पशु, पौधे व सूक्ष्मजीव- और पृथ्वी एवं व्यापक ब्रह्मांड में उनके परस्पर संबंधों की पुष्टि करता है. national newsG20 SummitPrabhat SpecialPublished Date Tue, Aug 29, 2023, 10: 42 AM IST

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समूह-20 का कोई स्थायी सचिवालय या सदस्य नहीं होता है. इसकी बजाय समूह की अध्यक्षता हर वर्ष इसके सदस्य देशों के बीच बदलती रहती है. इसके 19 सदस्य देश कम से कम चार सदस्यों वाले पांच समूहों में विभाजित हैं. समूह का 20वां सदस्य- यूरोपीय संघ- किसी भी समूह में शामिल नहीं है. प्रत्येक वर्ष अलग समूह के किसी देश को जी-20 की अध्यक्षता मिलती है. जी-20 की अध्यक्षता के तहत एक वर्ष तक इस समूह के लिए निर्धारित एजेंडे के तहत कार्य किया जाता है और शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाता है. यह सब कार्य दूसरे सदस्यों की सलाह और वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास को देखते हुए किया जाता है.

इस तरह की संरचना है ग्रुप ऑफ ट्वेंटी की

ग्रुप ऑफ ट्वेंटी दो ट्रैकों में बंटा हुआ है- फाइनेंस ट्रैक और शेरपा ट्रैक. वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गर्वनर वित्त ट्रैक का नेतृत्व करते हैं, जबकि शेरपा ट्रैक का नेतृत्व शेरपा करते हैं. इन्हीं दोनों ट्रैकों के भीतर कार्य समूह हैं, जिनमें सदस्यों के संबंधित मंत्रालयों के साथ-साथ आमंत्रित/ अतिथि देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं. ये कार्य समूह प्रत्येक अध्यक्षता के पूरे कार्यकाल में नियमित बैठकें करते हैं.

इन दोनों ट्रैकों के अतिरिक्त, ऐसे संपर्क व सहभागी समूह भी हैं, जो जी-20 देशों के नागरिकों, नागरिक समाजों, सांसदों, थिंक टैंकों, महिलाओं, युवा, श्रमिकों, व्यवसायों व शोधकर्ताओं को एक साथ लाते हैं.

जो देश वर्तमान में जी-20 की अध्यक्षता करता है, वह पिछले और अगले अध्यक्ष पद ग्रहण करने वाले देश के साथ मिलकर ‘ट्रोइका’ बनाता है, ताकि इस समूह की कार्य सूची, यानी एजेंडे की निरंतरता बनी रहे. वर्तमान में इंडोनेशिया (2022), भारत (2023) और ब्राजील (2024) ट्रोइका देश हैं.

शेरपा पक्ष की ओर से जी-20 के एजेंडे और कार्यों का समन्वय सदस्य देशों के प्रतिनिधियों, जिन्हें शेरपा कहा जाता है, द्वारा किया जाता है. ये शेरपा वर्ष के दौरान हुई वार्ता का निरीक्षण करते हैं, शिखर सम्मेलन के लिए कार्य सूची की विषय-वस्तु पर चर्चा करते हैं और जी-20 के मूलभूत कार्य का समन्वय करते हैं. इनके कार्य मुख्य रूप से कृषि, भ्रष्टाचार-विरोधी, जलवायु, डिजिटल अर्थव्यवस्था, शिक्षा, रोजगार, ऊर्जा, पर्यावरण, स्वास्थ्य, पर्यटन, व्यापार और निवेश जैसे सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित होते हैं. इन मुद्दों से जुड़े हुए जी-20 के कार्य समूहों के साथ मिलकर शेरपा काम करते हैं.

इस ट्रैक के प्रमुख आम तौर पर वर्ष में चार बार बैठकें करते हैं, जिनमें से दो बैठकें विश्व बैंक/ अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की बैठकों से इतर आयोजित की जाती हैं. इस ट्रैक का कार्य मुख्य रूप से वैश्विक अर्थव्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर, वित्तीय नियमन, वित्तीय समावेशन, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संरचना और अंतरराष्ट्रीय कराधान जैसे वित्तीय और मौद्रिक नीतियों से संबंधित मुद्दों पर केंद्रित रहता है.

ट्रोइका, समूह-20 के भीतर एक शीर्ष समूह को संदर्भित करता है जिसमें बीते, वर्तमान और आगामी वर्ष में अध्यक्ष पद को सुशोभित करने वाले देश शामिल होते हैं.

चार रंगों से मिलकर बना है लोगो

जी-20 लोगो भारत के राष्ट्रीय ध्वज के जीवंत रंगों- केसरिया, सफेद और हरे, एवं नीले रंग से मिलकर बना है. इसमें भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल को पृथ्वी के साथ प्रस्तुत किया गया है जो चुनौतियों के बीच विकास को दर्शाता है. वहीं पृथ्वी, जीवन के प्रति भारत के पर्यावरण अनुकूल दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसका प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य है. लोगो के नीचे देवनागरी लिपि में भारत, 2023, और अंग्रेजी में इंडिया लिखा है.

भारत के जी-20 अध्यक्षता का विषय है ‘वसुधैव कुटुंबकम.’ विषय के नीचे वसुधैव कुटुंबकम का अर्थ समझाते हुए अंग्रेजी में लिखा है ‘वन अर्थ. वन फैमिली. वन फ्यूचर.’ यानी, ‘एक पृथ्वी. एक कुटुंब. एक भविष्य.’ यह विषय सभी प्रकार के जीवन मूल्यों- मानव, पशु, पौधे व सूक्ष्मजीव- और पृथ्वी एवं व्यापक ब्रह्मांड में उनके परस्पर संबंधों की पुष्टि करता है.

national newsG20 SummitPrabhat SpecialPublished Date

Tue, Aug 29, 2023, 10: 42 AM IST