आरटीआइ-के-तहत-सूचना-मांगने-की-वजह-बताएं:-मद्रास-हाई-कोर्ट
Monday, 22 September 2014 09: 57 नई दिलà¥à¤²à¥€à¥¤ सूचना का अधिकार कानून (आरटीआइ) पर दूरगामी असर डालने वाले à¤à¤• फैसले में मदà¥à¤°à¤¾à¤¸ हाई कोरà¥à¤Ÿ ने कहा है कि à¤†à¤°à¤Ÿà¥€à¤†à¤‡ आवेदकों को सूचना मांगने की वजह बतानी चाहिà¤à¥¤ साथ ही उसने à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– मेटà¥à¤°à¥‹à¤ªà¥‹à¤²à¤¿à¤Ÿà¤¨ मजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ के खिलाफ शिकायत पर पंजीयन कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ को फाइल नोटिंग उजागर करने से भी छूट दे दी है। जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ à¤à¤¨ पॉल वसंतकà¥à¤®à¤¾à¤° और के रविचंदà¥à¤°à¤¬à¤¾à¤¬à¥‚ के खंडपीठ ने कहा कि किसी भी आवेदक को सूचना मांगने का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ जरूर बताना चाहिठऔर उसे यह भी पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ करनी चाहिठकि उसका यह उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ कानूनसंगत है। यह à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ फैसला है, जो पारदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾ और आरटीआइ कानून के तहत सूचना हासिल करने के अधिकार पर दूरगामी पà¥à¤°à¤­à¤¾à¤µ डाल सकता है। कानूनी विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ और आरटीआइ कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¤¾à¤“ं ने इसकी आलोचना की है। पीठ ने कहा कि यदि सूचनाà¤à¤‚ à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को दी जानी हैं, जिसके पास इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मांगने के पीछे की कोई परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ वजह या उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ नहीं है, तो हमारा मानना है कि सूचना मांगने के पीछे के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से अनभिजà¥à¤ž वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को ये सूचनाà¤à¤‚ परà¥à¤šà¥‹à¤‚ की तरह देने से कानून के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ की पूरà¥à¤¤à¤¿ नहीं होती। हालांकि विधायिका ने आरटीआइ कानून पारित करते समय उसमें खास तौर पर धारा 6(2) शामिल की थी। यह धारा कहती है कि सूचना के लिठआवेदन करने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को इसके लिठकोई भी वजह बताने की जरूरत नहीं होगी। मदà¥à¤°à¤¾à¤¸ हाई कोरà¥à¤Ÿ के आदेश में सूचना के अधिकार कानून की धारा 6 (2) का जिकà¥à¤° नहीं है। आदेश में कहा गया है कि हमें गलत न समà¤à¤¾ जाठकि हम विधायिका के खिलाफ कà¥à¤› कह रहे हैं। हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि à¤à¤• कानून के (खासतौर पर इस कानून के) उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ की पूरà¥à¤¤à¤¿ होनी चाहिà¤à¥¤ इसका उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ à¤à¤• सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•रण का पारदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾ और जवाबदेही के साथ पà¥à¤°à¤­à¤¾à¤µà¥€ संचालन सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करना है। इस आदेश को ‘अवैध’ बताते हà¥à¤ वरिषà¥à¤  अधिवकà¥à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त भूषण ने कहा है कि यह कानून की ‘मूल भावना’ के खिलाफ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि यह हाई कोरà¥à¤Ÿ का अपने हित में दिया गया आदेश है और यह कई राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के हाई कोरà¥à¤Ÿ और सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ के पूरà¥à¤µ आदेशों के ही अनà¥à¤°à¥‚प है जो वसà¥à¤¤à¥à¤¤: अदालत की पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• पारदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾ को रोकता है।आरटीआइ कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¤¾ सीजे करीरा ने कहा कि यह फैसला आरटीआइ कानून के लिठà¤à¤• गंभीर à¤à¤Ÿà¤•ा है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह धारा 6(2) को निषà¥à¤«à¤² करने के तà¥à¤²à¥à¤¯ है और वह भी सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ तौर पर कहे बिना। आरटीआइ विशेषजà¥à¤ž शेखर सिंह ने भी कहा कि सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने सूचना के अधिकार को à¤à¤• मूल अधिकार के तौर पर परिभाषित किया है और इसका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करने के लिठकिसी को कोई वजह बताने की जरूरत नहीं है। सिंह ने कहा कि परिभाषिक तौर पर देखें तो मौलिक अधिकार का अरà¥à¤¥ है कि अधिकार में कोई शरà¥à¤¤ निहित नहीं है। सिंह ने कहा कि इस आदेश के साथ दो समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ हैं। यह कानून का उलà¥à¤²à¤‚घन है। आरटीआइ सूचना मांगने के लिठकिसी कारण की मांग नहीं करता। दूसरे, यह आदेश सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ के उन पूरà¥à¤µ आदेशों का भी उलà¥à¤²à¤‚घन है जिसमें इसे मौलिक अधिकार बताया गया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि इस आदेश के जरिठहाई कोरà¥à¤Ÿ ने शीरà¥à¤· अदालत के पूरà¥à¤µ आदेशों को उलट कर रख दिया है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जिस समय उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सूचना मांगने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को इसकी वजह बतानी होगी, वहीं उनके (आवेदक के) मौलिक अधिकार का हनन हो गया। कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ ही विचार कॉमनवेलà¥à¤¥ हà¥à¤¯à¥‚मन राइटà¥à¤¸ इनीशिà¤à¤Ÿà¤¿à¤µ के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® संयोजक वेंकटेश नायक के हैं। उनका कहना है कि यह आदेश आरटीआइ कानून का पूरी तरह उलà¥à¤²à¤‚घन है। नायक ने कहा कि सूचना का अधिकार कानून à¤à¤• मौलिक अधिकार है और यह भारत में जनà¥à¤®à¥‡ हर नागरिक को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। आपको अपने मौलिक अधिकारों के इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² के लिठवजह बताने की जरूरत नहीं है। सूचना के अधिकार को अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 19 (1) (à¤) में पà¥à¤°à¤¦à¤¤à¥à¤¤ भाषण व अभिवà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ और अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 21 में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ जीवन के अधिकार के तहत सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ से मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है।  उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जब कोई कहे कि à¤à¤• नागरिक को यह साबित करने की जरूरत है कि वह कोई सूचना विशेष किसलिठचाहता है जबकि उस सूचना को सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•रण अपनी मरà¥à¤œà¥€ से सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• कर सकता है तो यह ‘मौजूदा नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° का मजाक ’ और ‘à¤à¤• बड़ा आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯â€™ है। आपके विचार

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Monday, 22 September 2014 09: 57

नई दिलà¥à¤²à¥€à¥¤ सूचना का अधिकार कानून (आरटीआइ) पर दूरगामी असर डालने वाले à¤à¤• फैसले में मदà¥à¤°à¤¾à¤¸ हाई कोरà¥à¤Ÿ ने कहा है कि à¤†à¤°à¤Ÿà¥€à¤†à¤‡ आवेदकों को सूचना मांगने की वजह बतानी चाहिà¤à¥¤ साथ ही उसने à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– मेटà¥à¤°à¥‹à¤ªà¥‹à¤²à¤¿à¤Ÿà¤¨ मजिसà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‡à¤Ÿ के खिलाफ शिकायत पर पंजीयन कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ को फाइल नोटिंग उजागर करने से भी छूट दे दी है।

जसà¥à¤Ÿà¤¿à¤¸ à¤à¤¨ पॉल वसंतकà¥à¤®à¤¾à¤° और के रविचंदà¥à¤°à¤¬à¤¾à¤¬à¥‚ के खंडपीठ ने कहा कि किसी भी आवेदक को सूचना मांगने का उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ जरूर बताना चाहिठऔर उसे यह भी पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ करनी चाहिठकि उसका यह उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ कानूनसंगत है। यह à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ फैसला है, जो पारदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾ और आरटीआइ कानून के तहत सूचना हासिल करने के अधिकार पर दूरगामी पà¥à¤°à¤­à¤¾à¤µ डाल सकता है। कानूनी विशेषजà¥à¤žà¥‹à¤‚ और आरटीआइ कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¤¾à¤“ं ने इसकी आलोचना की है।

पीठ ने कहा कि यदि सूचनाà¤à¤‚ à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ à¤µà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को दी जानी हैं, जिसके पास इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ मांगने के पीछे की कोई परà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ वजह या उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ नहीं है, तो हमारा मानना है कि सूचना मांगने के पीछे के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से अनभिजà¥à¤ž वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को ये सूचनाà¤à¤‚ परà¥à¤šà¥‹à¤‚ की तरह देने से कानून के उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ की पूरà¥à¤¤à¤¿ नहीं होती। हालांकि विधायिका ने आरटीआइ कानून पारित करते समय उसमें खास तौर पर धारा 6(2) शामिल की थी। यह धारा कहती है कि सूचना के लिठआवेदन करने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को इसके लिठकोई भी वजह बताने की जरूरत नहीं होगी।

मदà¥à¤°à¤¾à¤¸ हाई कोरà¥à¤Ÿ के आदेश में सूचना के अधिकार कानून की धारा 6 (2) का जिकà¥à¤° नहीं है। आदेश में कहा गया है कि हमें गलत न समà¤à¤¾ जाठकि हम विधायिका के खिलाफ कà¥à¤› कह रहे हैं। हम इस बात पर जोर देना चाहते हैं कि à¤à¤• कानून के (खासतौर पर इस कानून के) उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ की पूरà¥à¤¤à¤¿ होनी चाहिà¤à¥¤ इसका उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ à¤à¤• सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•रण का पारदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾ और जवाबदेही के साथ पà¥à¤°à¤­à¤¾à¤µà¥€ संचालन सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करना है।

इस आदेश को ‘अवैध’ बताते हà¥à¤ वरिषà¥à¤  अधिवकà¥à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤‚त भूषण ने कहा है कि यह कानून की ‘मूल भावना’ के खिलाफ है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बताया कि यह हाई कोरà¥à¤Ÿ का अपने हित में दिया गया आदेश है और यह कई राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के हाई कोरà¥à¤Ÿ और सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ के पूरà¥à¤µ आदेशों के ही अनà¥à¤°à¥‚प है जो

वसà¥à¤¤à¥à¤¤: अदालत की पà¥à¤°à¤¶à¤¾à¤¸à¤¨à¤¿à¤• पारदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾ को रोकता है।आरटीआइ कारà¥à¤¯à¤•रà¥à¤¤à¤¾ सीजे करीरा ने कहा कि यह फैसला आरटीआइ कानून के लिठà¤à¤• गंभीर à¤à¤Ÿà¤•ा है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह धारा 6(2) को निषà¥à¤«à¤² करने के तà¥à¤²à¥à¤¯ है और वह भी सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ तौर पर कहे बिना। आरटीआइ विशेषजà¥à¤ž शेखर सिंह ने भी कहा कि सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ ने सूचना के अधिकार को à¤à¤• मूल अधिकार के तौर पर परिभाषित किया है और इसका इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करने के लिठकिसी को कोई वजह बताने की जरूरत नहीं है। सिंह ने कहा कि परिभाषिक तौर पर देखें तो मौलिक अधिकार का अरà¥à¤¥ है कि अधिकार में कोई शरà¥à¤¤ निहित नहीं है।

सिंह ने कहा कि इस आदेश के साथ दो समसà¥à¤¯à¤¾à¤à¤‚ हैं। यह कानून का उलà¥à¤²à¤‚घन है। आरटीआइ सूचना मांगने के लिठकिसी कारण की मांग नहीं करता। दूसरे, यह आदेश सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ के उन पूरà¥à¤µ आदेशों का भी उलà¥à¤²à¤‚घन है जिसमें इसे मौलिक अधिकार बताया गया है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि इस आदेश के जरिठहाई कोरà¥à¤Ÿ ने शीरà¥à¤· अदालत के पूरà¥à¤µ आदेशों को उलट कर रख दिया है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि जिस समय उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि सूचना मांगने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को इसकी वजह बतानी होगी, वहीं उनके (आवेदक के) मौलिक अधिकार का हनन हो गया।

कà¥à¤› à¤à¤¸à¥‡ ही विचार कॉमनवेलà¥à¤¥ हà¥à¤¯à¥‚मन राइटà¥à¤¸ इनीशिà¤à¤Ÿà¤¿à¤µ के कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® संयोजक वेंकटेश नायक के हैं। उनका कहना है कि यह आदेश आरटीआइ कानून का पूरी तरह उलà¥à¤²à¤‚घन है। नायक ने कहा कि सूचना का अधिकार कानून à¤à¤• मौलिक अधिकार है और यह भारत में जनà¥à¤®à¥‡ हर नागरिक को पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। आपको अपने मौलिक अधिकारों के इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² के लिठवजह बताने की जरूरत नहीं है। सूचना के अधिकार को अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 19 (1) (à¤) में पà¥à¤°à¤¦à¤¤à¥à¤¤ भाषण व अभिवà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ और अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 21 में वरà¥à¤£à¤¿à¤¤ जीवन के अधिकार के तहत सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ से मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। 

उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि जब कोई कहे कि à¤à¤• नागरिक को यह साबित करने की जरूरत है कि वह कोई सूचना विशेष किसलिठचाहता है जबकि उस सूचना को सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤§à¤¿à¤•रण अपनी मरà¥à¤œà¥€ से सारà¥à¤µà¤œà¤¨à¤¿à¤• कर सकता है तो यह ‘मौजूदा नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¶à¤¾à¤¸à¥à¤¤à¥à¤° का मजाक ’ और ‘à¤à¤• बड़ा आशà¥à¤šà¤°à¥à¤¯â€™ है।

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