अंतिम-संस्कार-बना-चुनौती:-15-घंटे-तक-घर-में-रखना-पड़ा-शव,-तेज-बारिश-बनी-वजह;-सागर-का-मामला
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सागर Published by: शबाहत हुसैन Updated Mon, 01 Jul 2024 09: 51 AM IST Sagar: बारिश शुरु होते ही कई गांवों में अंतिम संस्कार करने में अब परेशानी होने लगी है। बीना के सरगोली ग्राम पंचायत के मूडरी गांव में अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए बेटे और रिश्तेदारों को 15 घंटे तक बारिश रुकने का इंतजार करना पड़ा।   अंतिम संस्कार बना चुनौती - फोटो : अमर उजाला विस्तार Follow Us आजादी के इतने वर्ष बाद भी विकास के दावों के बाद भी बुंदेलखंड अंचल के अनेक गांवों में बारिश का मौसम परेशानियां लेकर आता है, जिनमें एक समस्या है लोगों के अंतिम संस्कार की। जिले के अनेक गांवों में शमसान तो बने हुए है, लेकिन टीन शेड न होने की वजह से बारिश के दिनों में अंतिम संस्कार करना बड़ी परेशानी का सबब बनता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया सागर जिले की बीना तहसील के सरगोली ग्राम पंचायत के मूडरी गांव में, जहां अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए बेटे और रिश्तेदारों को 15 घंटे तक बारिश रुकने का इंतजार करना पड़ा। बीना जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सरगोली के ग्राम मूडरी में रहने वाले 85 वर्षीय खिलान आदिवासी का शनिवार की दोपहर को निधन हो गया था। शनिवार की शाम को घर से अर्थी निकालने की पूरी तैयारी कर ली गई थी। जैसे ही उनके घर से अर्थी निकलने वाली थी, वैसे ही तेज बारिश शुरू हो गई। फिर परिजनों, रिश्तेदारों और गांव के उनके सहयोगियों ने बारिश रुकने का इंतजार करना शुरू कर दिया। क्योंकि मुक्तिधाम में ना तो टीन शेड लगा हुआ है और ना ही आने-जाने के लिए पक्का रास्ता है। ऐसे में गांव के लोगों को खुले में ही अंतिम संस्कार करना पड़ता है। सभी लोगों ने निर्णय लेते हुए बारिश थमने का इंतजार करना शुरू कर दिया, लेकिन बारिश पूरी रात होती रही और आखिरकार 15 घंटे तक घर में ही शव पड़ा रहा। जब रविवार की सुबह बारिश रुकी तो बुजुर्ग व्यक्ति का अंतिम संस्कार हो सका। मृतक के बेटे गोपाल आदिवासी ने बताया कि करीब 15 दिन पहले उनके घर में बीमारी के चलते एक महिला की मौत हुई थी। वहीं महज कुछ दिनों बाद ही उनके पिता की मृत्यु हो गई, लेकिन मृत्यु के बाद बारिश शुरू हो गई और श्मशान घाट में टीन शेड निर्माण न होने करीब 15 घंटे शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका। रविवार को जब बारिश रुकी तब कहीं जाकर अंतिम संस्कार हो सका। प्रशासन से मांग करते हैं कि इस समस्या पर ध्यान दिया जाए। कई सालों से बारिश के समय अंतिम संस्कार करने में परेशानी हो रही है। रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

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न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सागर Published by: शबाहत हुसैन Updated Mon, 01 Jul 2024 09: 51 AM IST

Sagar: बारिश शुरु होते ही कई गांवों में अंतिम संस्कार करने में अब परेशानी होने लगी है। बीना के सरगोली ग्राम पंचायत के मूडरी गांव में अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए बेटे और रिश्तेदारों को 15 घंटे तक बारिश रुकने का इंतजार करना पड़ा।
  अंतिम संस्कार बना चुनौती – फोटो : अमर उजाला

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आजादी के इतने वर्ष बाद भी विकास के दावों के बाद भी बुंदेलखंड अंचल के अनेक गांवों में बारिश का मौसम परेशानियां लेकर आता है, जिनमें एक समस्या है लोगों के अंतिम संस्कार की। जिले के अनेक गांवों में शमसान तो बने हुए है, लेकिन टीन शेड न होने की वजह से बारिश के दिनों में अंतिम संस्कार करना बड़ी परेशानी का सबब बनता है। ऐसा ही एक मामला सामने आया सागर जिले की बीना तहसील के सरगोली ग्राम पंचायत के मूडरी गांव में, जहां अपने पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए बेटे और रिश्तेदारों को 15 घंटे तक बारिश रुकने का इंतजार करना पड़ा।

बीना जनपद पंचायत के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत सरगोली के ग्राम मूडरी में रहने वाले 85 वर्षीय खिलान आदिवासी का शनिवार की दोपहर को निधन हो गया था। शनिवार की शाम को घर से अर्थी निकालने की पूरी तैयारी कर ली गई थी। जैसे ही उनके घर से अर्थी निकलने वाली थी, वैसे ही तेज बारिश शुरू हो गई। फिर परिजनों, रिश्तेदारों और गांव के उनके सहयोगियों ने बारिश रुकने का इंतजार करना शुरू कर दिया। क्योंकि मुक्तिधाम में ना तो टीन शेड लगा हुआ है और ना ही आने-जाने के लिए पक्का रास्ता है। ऐसे में गांव के लोगों को खुले में ही अंतिम संस्कार करना पड़ता है।

सभी लोगों ने निर्णय लेते हुए बारिश थमने का इंतजार करना शुरू कर दिया, लेकिन बारिश पूरी रात होती रही और आखिरकार 15 घंटे तक घर में ही शव पड़ा रहा। जब रविवार की सुबह बारिश रुकी तो बुजुर्ग व्यक्ति का अंतिम संस्कार हो सका। मृतक के बेटे गोपाल आदिवासी ने बताया कि करीब 15 दिन पहले उनके घर में बीमारी के चलते एक महिला की मौत हुई थी। वहीं महज कुछ दिनों बाद ही उनके पिता की मृत्यु हो गई, लेकिन मृत्यु के बाद बारिश शुरू हो गई और श्मशान घाट में टीन शेड निर्माण न होने करीब 15 घंटे शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका। रविवार को जब बारिश रुकी तब कहीं जाकर अंतिम संस्कार हो सका। प्रशासन से मांग करते हैं कि इस समस्या पर ध्यान दिया जाए। कई सालों से बारिश के समय अंतिम संस्कार करने में परेशानी हो रही है।

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